शहर में मुस्लिम ज़ुल्फ़ तराशों की तादाद में इज़ाफ़ा

ज़िंदगी में कुछ करने अच्छी तरह कमाई करते हुए अपनी और अरकाने ख़ानदान की ज़िन्दगियों को संवारने के लिए ही मैं ने ये कोर्स किया है। कोई काम छोटा नहीं होता बल्कि वो शख़्स छोटा होता है जिस की सोच छोटी होती है। मेहनत करने में हमें शर्माने या घबराने की ज़रूरत नहीं बल्कि मेहनत और मशक़्क़त के ज़रीए ही हम तरक़्क़ी की राह पर गामज़न हो सकते हैं।

ये ख़्यालात उन मुस्लिम नौजवानों के हैं जिन्हों ने हाल ही में मेन्स पार्लर चलाने की तरबियत मुकम्मल की है। 6 माह के इस कोर्स में उन्हें ज़ुल्फ़ तराशी, चेहरा बनाने, चेहरों की सफ़ाई, बालों को घुंगराले बनाने हाथों और पैरों के मेकअप के साथ साथ बालों को ख़िज़ाब से लेकर मुख़्तलिफ़ रंगों में रंगना सिखाया गया है। फ़ैज़ आम ट्रस्ट की जानिब से इन नौजवानों की फीस अदा की गई जिस का मक़सद उन्हें अपने पैरों पर खड़ा करना है।

कोर्स की तकमील पर 24 साला मुहम्मद अकबर, 27 साला मुहम्मद मुजीब और 26 साला मुहम्मद उसमान ने अपने इंस्ट्रक्टर के साथ दफ़्तर सियासत पहुंच कर एडीटर सियासत जनाब ज़ाहिद अली ख़ान से मुलाक़ात की और बताया कि फ़ैज़ आम ट्रस्ट ने उन्हें हेयर डीज़ाइनर और मेल पार्लर चलाने की तरबियत फ़राहम की है। अब वो बाआसानी शहर के किसी भी इलाक़ा में मेल पार्लर्स, हेयर ड्रेसिंग सैलून ( मराकज़ ज़ुल्फ़ तराशी) चला सकते हैं और इस के लिए अक़लीयती मालीयाती कारपोरेशन से क़र्ज़ दिलाया जा रहा है।

मुक्ता मदार के रहने वाले 26 साला नौजवान मुहम्मद उसमान ने जिन के वालिद हसन अली पेशा से मज़दूर हैं ने बताया कि वो करीबी इलाक़ा में ज़ुल्फ़ तराशी की शाप या मेल पार्लर खोलने की ख़ाहिश रखते हैं। उन्हें उम्मीद है कि फ़ैज़ आम ट्रस्ट ने जिस तरह उन की 7000 रुपये फीस अदा की उसी तरह अक़लीयती मालीयाती कारपोरेशन से मेल पार्लर खोलने के लिए क़र्ज़ भी दिलाया जाएगा।

उन्हों ने ये भी बताया कि इब्तिदा में दोस्तों और रिश्तेदारों ने कहा कि क्या तुम हज्जाम की दुकान खोलोगे? ये ऐसा सवाल था जिस का मुहम्मद उसमान ने यही जवाब दिया कि कोई काम छोटा नहीं होता, मेहनत इबादत है काम छोटा हो या बड़ा उस में दियानतदारी और सच्चाई होनी चाहीए। अब उन्हों ने पर्देस मुस्लिम मेन्स पार्लर एसोसीएशन के तहत चलाए जाने वाले गोल्डन पर्ल मेन्स पार्लर किशनबाग़ से ज़ुल्फ़ तराशी और मर्दाना मेकअप का कोर्स मुकम्मल कर लिया है और बहुत जल्द अपना कारोबार ख़ुद शुरू करदेंगे। बैरूनी ममालिक में भी उन के लिए अच्छे मवाक़े हैं।

ए एम वसीम के मुताबिक़ मेल पार्लर की तरबियत मुकम्मल करने वाले नौजवान अब बाआसानी माहाना 15 ता 20 हज़ार रुपये कमा सकते हैं। बहरहाल मेहनत करने वालों के लिए मवाकों की कोई कमी नहीं।