शहर में रमज़ानुल मुबारक के इस्तेक़बाल की तैयारियां जारी

हैदराबाद 2 जुलाई : रहमतों , बरकतों , नेअमतों , राहतों के महीना रमज़ानुल मुबारक की आमद आमद है । सारे आलम में मुसलमान इस माहे मुक़द्दस के इस्तेक़बाल की तैयारियां कर रहे हैं । शहर हैदराबाद में भी अल्लाह के बंदे इस माह रहमत के इस्तेक़बाल की तैयारीयों में मसरूफ़ हो गए हैं । मसाजिद की तज़ईन नव रंगो रोगन और आहक पाशी की जा रही है । रौशनी पानी और रोज़े दारों की सहूलत के लिए दीगर इंतेज़ामात को क़तईयत दी । नए जानमाज़ें बिछाई जा रही हैं । वुज़ू ख़ानों और तहारत ख़ानों को दरुस्त किया जा रहा है ।

सायरनों की दरूस्तगी का भी अमल शुरू हो चुका है और बाअज़ मसाजिद में नए सायरन नस्ब किए जा रहे हैं । हुफ़्फ़ाज़ का इंतिज़ाम किया जा रहा है । दूसरी जानिब बाज़ारों में भी रमज़ानुल मुबारक की तैयारियां मुकम्मल हो चुकी हैं । छोटी बड़ी दुकानात और शोरूम्स में रमज़ान के लिए ख़ुसूसी स्टाक रखा जा रहा है । जानमाज़ों कालीनों और चादरों के शोरूम्स पर अंदरून और बैरून मुल्क से नया स्टाक मंगवाया गया है ।

मुस्लिम, गैर मुस्लिम ताजिरीन में ज़बरदस्त जोशो ख़रोश पाया जाता है । शहर के अहम बाज़ार बेगम बाज़ार होलसेल मार्केट के ब्योपारी मुख़्तलिफ़ ममालिक से खजूर का स्टाक मंगवा चुके हैं जब कि छोटी बड़ी होटलों में हलीम की तैयारी के लिए भट्टियां लगाई जा रही हैं । सारे हिंदुस्तान में हलीम का सब से ज़्यादा कारोबार हैदराबाद में होता है ।

रमज़ानुल मुबारक का जहां मुसलमानों और मुस्लिम ताजिरीन को इंतेज़ार रहता है वहीं गैर मुस्लिम ताजिरीन और अवाम भी इस माहे मुक़द्दस का इंतेज़ार करते नज़र आते हैं । अक्सर गैर मुस्लिम ताजिरीन रमज़ानुल मुबारक का इस लिए बेचैनी से इंतेज़ार करते हैं क्यों कि उन के ख़्याल में जहां साल भर की कमाई सिर्फ़ एक माह में हो जाती है वहीं रमज़ान में हुए कारोबारी मुनाफ़ा के बाइस वो जायदादें खरीदते हैं और अपने क़र्ज़ भी अदा करते हैं ।

हम ने शहर के मुख़्तलिफ़ मुक़ामात पर होटलों के बाहर डेग़ों को क़लई करवाते हुए मनाज़िर देखने में आ रहे हैं । बहरहाल रहमतों के इस माहे मुक़द्दस में कमाई से लेकर रिज़्क और कमाई में ग़ैरमामूली इज़ाफ़ा हो जाता है।