शहर में ग़ैर मजाज़ बोरवेलस मुहरबंद, वाटर टैंकरस की ज़बती

हैदराबाद 23 मार्च: हैदराबाद ज़िला कलक्ट्रेट ने सारिफ़ीन को पानी की सरबराही के लिए शहर के बोरवेलस का इस्तेमाल करने ग्रेटर हैदराबाद मुंसिपल कारपोरेशन को एक प्लान पेश किया जा रहा है जिसका मक़सद प्राइवेट वाटर टैंकर मालकीयन को ग़ैर मजाज़ बोरवेलस का ग़लत इस्तेमाल करने से रोकना है। तजावीज़ एक हफ़्ता पहले पेश की जा चुकी हैं जिन पर हनूज़ कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

हैदराबाद ज़िला कलक्ट्रेट के हुक्काम ने गोलकुंडा के क़रीब तक़रीबन दस गै़रक़ानूनी बोरवेलस का पता चलाया और उन्हें मुहरबंद कर दिया गया। ख़ानगी टैंकर मालकीयन इन बोरवेलस से ग़ैर मजाज़ तौर पर पानी हासिल कर रहे थे। धावे के बाद तक़रीबन 15 टैंकरस ज़बत किए गए। मुक़ामी अवाम ने ओहदेदारों पर ब्रहमी ज़ाहिर की और कहा कि उन्हें अपने इलाक़ों में बलदिया की तरफ़ से कोई पानी नहीं मिल रहा है।

हैदराबाद कलक्ट्रेट के एक ओहदेदार ने कहा कि वालटा एक्ट के तहत बोरवेलस के ख़ानगी इस्तेमाल की इजाज़त नहीं है। 15 टैंकरस ज़बत किए गए हैं दस हज़ार रुपये जुर्माना लगाया गया है। अवाम ने इस इक़दाम की मुख़ालिफ़त की। गर्मा में घरों तक बोरवेलस का पानी पहूँचाने के लिए हैदराबाद के सिवा तेलंगाना के तमाम अज़ला में प्राइवेट बोरवेलस किराए पर हासिल किए गए हैं चूँकि मौसिम-ए-गर्मा में फ़सल नहीं उगाई जाती इस लिए अज़ला में घरों को पानी का सरबराही का कोई मसला नहीं है।

माहाना पाँच हज़ार ता 8 हज़ार रुपये किराये पर बोरवेलस हासिल किए गए हैं। ग्रेटर हैदराबाद मुंसिपल कारपोरेशन और हैदराबाद वाटर वर्क़्स को मश्वरह् दिया गया है कि अज़ला की तरह शहर में भी बोरवेलस किराए पर हासिल करते हुए पानी की सरबराही की जा सकती है।

हैदराबाद में ज़्यादा-तर ग़ैर मजाज़ बोरवेलस गोलकेंडा इलाके में हैं जो मूसा नदी के क़रीब है वालटा क़ानून के तहत ज़िला नज़म-ओ-नसक़ के बग़ैर कोई बोरवेलस की खुदाई नहीं करसकता। इजाज़त भी ग्रांऊड वाटर महिकमा की तरफ़ से पानी की सतह का जायज़ा लेने के बाद ही दी जाती है। इस वक़्त हैदराबाद और सिकंदराबाद में पानी की क़िल्लत से दो-चार इलाक़ों में प्राइवेट वाटर टैंकर पाँच हज़ार लीटर पानी पर नौ सौ रुपये ता 12 सौ रुपये वसूल कर रहे हैं।