तेलंगाना में औक़ाफ़ी जायदादों के तहफ़्फ़ुज़ और बोर्ड की आमदनी में इज़ाफ़ा के लिए चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफीसर मुहम्मद असदुल्लाह की जानिब से शुरू किए गए इक़दामात के मुसबत नताइज बरामद हो रहे हैं।
महकमा माल से ताल्लुक़ रखने वाले मुहम्मद असदुल्लाह ने वक़्फ़ बोर्ड के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफीसर का ओहदा सँभालने के 5 माह में ना सिर्फ नाजायज़ क़ाबिजीन के ख़िलाफ़ सख़्त इक़दामात किए बल्कि सरकारी इदारों की जानिब से हासिल कर्दा औक़ाफ़ी अराज़ी का मुआवज़ा हासिल करने के इक़दामात किए हैं। उन्होंने शहर ग्रेटर हैदराबाद के हदूद में 49 ऐसी औक़ाफ़ी जायदादों की निशानदेही की है जिन्हें ग्रेटर हैदराबाद म़्यूनिसिपल कारपोरेशन और दीगर सरकारी मह्कमाजात ने हासिल किया।
इन जायदादों की हासिल कर्दा अराज़ी के बारे में सर्वे के ज़रीए अराज़ी के मुआवज़ा को तय किया जाएगा। चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफीसर ने शहर की 6 इसी कीमती औक़ाफ़ी जायदादों की निशानदेही की जिनकी अराज़ी ग्रेटर हैदराबाद म़्यूनिसिपल कारपोरेशन ने मुख़्तलिफ़ उमूर के लिए हासिल करली है लेकिन इस का मुआवज़ा अभी तक अदा नहीं किया गया।
मुहम्मद असदुल्लाह ने इन आराज़ीयात के सर्वे के ज़रीए मौजूदा मार्किट कीमत के एतबार से 115 करोड़ 43 लाख 19 हज़ार 337 रुपये तय किए हैं जो मजलिसे बल्दिया की जानिब से वक़्फ़ बोर्ड को अदा शुदनी है। उन्होंने इस रक़म के हुसूल के लिए कमिशनर मजलिसे बल्दिया को मकतूब रवाना करने का फैसला किया है।
दिलचस्प बात तो ये है कि ग्रेटर हैदराबाद म़्यूनिसिपल कारपोरेशन वक़्फ़ बोर्ड की 115 करोड़ से ज़ाइद मालियत की अराज़ी को हासिल कर चुका है लेकिन वक़्फ़ बोर्ड के कॉम्प्लेक्स के लिए 4 करोड़ 60 लाख रुपये की बिल्डिंग फीस माफ़ करने तैयार नहीं।
उन्होंने बताया कि औक़ाफ़ी जायदादों के तहफ़्फ़ुज़ के सिलसिले में उन्हें हुकूमत और मातहत ओहदेदारों से मुकम्मल तआवुन हासिल हो रहा है और उन्हें उम्मीद है कि अगर इसी तरह संजीदगी से इक़दामात किए गए तो ना सिर्फ औक़ाफ़ी जायदादों का तहफ़्फ़ुज़ मुम्किन होगा बल्कि वक़्फ़ बोर्ड की आमदनी में ज़बरदस्त इज़ाफ़ा होगा। वक़्फ़ बोर्ड इस आमदनी को मुसलमानों की बहबूद पर ख़र्च कर सकता है।