शहर में 20 मिमी बारिश, कोहरे से ढंक गया रांची

हवा के साथ बारिश की वजह से लोग दिन भर घरों में दुबके रहे। शाम के पहले ही शहर कोहरे की चादर से ढंक गया। शाम पांच बजे तक कोहरा इतना घना हो गया कि साफ कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था। सड़क पर गाड़ियों की हेड लाइट जलानी पड़ी। सनीचर की सुबह भी बारिश होने की इमकान है। दोपहर बाद आसमान कुछ साफ होगा। लेकिन शीतलहर चलने से कनकनी बढ़ेगी।

गुजिशता पांच साल में जाड़े में बारिश
नौ दिसंबर 2010 को हुई थी 17.6 मिमी

दिसंबर में सबसे ज़्यादा बारिश
11 दिसंबर 1967 को बारिश 22.9 मिमी

रांची से तीन जहाज मंसूख

इंडिगो : रांची-पटना-दिल्ली
गो एयरवेज : दिल्ली-रांची
जेट एयर : कोलकाता-रांची
दिल्ली से एयर इंडिया की फ्लाइट 2.5 घंटे लेट आई।

कई ट्रेनें भी आईं लेट

राजधानी एक्स. 5 घंटे, जम्मूतवी एक्सप्रेस 12 घंटे, स्वर्ण जयंती एक्सप्रेस 7 घंटे

रात में बादल रहने की वजह से कम अज़ कम दर्जे हरारत बढ़ा रहेगा। कुहासा ज्यादा रहेगा। सनीचर सुबह में भी बारिश होगी, तेज हवा चलेगी। दिन के दूसरे पहर से बादल कम होगा। पारा गिरेगा और कनकनी बढ़ेगी। बंगाल की खलीज में लो प्रेशर दबाव का इलाका बना हुआ है। मगरीबी इलाका भी सरगर्म है।” – ए वदूद, मौसम वैज्ञानिक

नालियां जाम, बारिश का पानी सड़क पर

दारुल हुकूमत में एक जनवरी की शाम से शुरू हुई बारिश दो जनवरी को भी होती रही। नए साल पर पिकनिक, पार्टी से थक कर लौटे लोगों की जुमा को जब नींद खुली, बारिश की हालत देख वे मायूस हो गए। एक तो ठंड, ऊपर से बारिश की किचकिच। कई लोगों ने तो अपना सुबह से शाम तक का शिड्यूल ही बदल दिया और घर में ही रहना मुनासिब समझा।

वहीं जो लोग घर से बाहर निकले, वे इंतेजामिया और मुंसिपल कॉर्पोरेशन की निज़ाम को कोसते हुए अपने ऑफिस तक पहुंचे। ज़्यादातर मुकामात पर नालियां जाम होने से गंदा पानी और कचरा सड़क पर ही बह रहा था। एक तरफ आसमां से बारिश तो दूसरी ओर जमीं पर गंदे पानी से पैदल चलने वालों को काफी परेशानी हुई।