हैदराबाद 06 अप्रैल: हैदराबाद तहज़ीब का मर्कज़ है इस शहर में तहज़ीब की हिफ़ाज़त और उर्दू के फ़रोग़ के लिए काफ़ी ख़िदमात अंजाम दी गई हैं ।
जस्टिस मारकंडे काटजू ने आज ललित कल्ला थोरानम में मुनाक़िदा कुल हिंद मुशायरह से ख़िताब के दौरान इन ख़्यालात का इज़हार क्या ।
जनाब ज़ाहिद अली ख़ान एडीटर रोज़नामा सियासत इस मुशायरे की सदारत कर रहे थे जो कि हुकूमत आंध्र प्रदेश, इदारा सियासत के तआवुन से उर्दू विरासत कारवाँ ने मुनाक़िद किया था ।
जस्टिस काटजू ने इस मौके पर अपने ख़िताब के दौरान कहा कि हिन्दुस्तान एक महाजरीन का मुल्क है जहां पर मुख़्तलिफ़ इलाक़ों से लोग आकर आबाद हुए हैं।
उन्हों ने उर्दू को हिन्दुस्तान की ज़बान क़रार देते हुए कहा कि उर्दू की बक़ा और फ़रोग़ के मक़सद से शुरू करदा ये कारवाँ ना सिर्फ़ उर्दू बल्के संस्कृत के लिए भी चलाया जा रहा है।
उन्हों ने उर्दू और संस्कृत को मज़हब से बालातर हिन्दुस्तानी ज़बानें क़रार देते हुए कहा कि इन ज़बानों का तहफ़्फ़ुज़ हिन्दुस्तानी तहज़ीब के तहफ़्फ़ुज़ के मुतरादिफ़ है।
उन्हों ने आइन्दा नसलों को तहज़ीब से आरी होने से बचाने के लिए इन ज़बानों के तहफ़्फ़ुज़ को नागुज़ीर क़रार दिया । जस्टिस काटजू ने बताया कि हिन्दुस्तान कभी ज़रई सरगर्मियों के लिए जन्नत था।
इसी लिए लोग नक़्ल-ए-मकानी करते हुए हिन्दुस्तान का रुख़ किया करते थे । प्रोफेसर एस ए शकूर डायरेक्टर सेक्रेटरी उर्दू एकेडेमी ने ख़ैरमक़दम क्या ।
आसिफ़ अज़मी कन्वीनर मुशायरह ने इस मौके पर ख़िताब करते हुए कहा कि गुज़शता में ये कारवाँ 4 रियासतों का दौरा कर चुका है । उन्हों ने बताया कि जस्टिस काटजू के दादा डाक्टर के एन काटजू के नाम से उर्दू के फ़रोग़ के लिए काम करने वालों को इस कारवां के दौरान एवार्ड्स दिए जाते रहे हैं ।
हैदराबाद में उर्दू के फ़रोग़ के लिए ख़िदमात अंजाम देने वाली शख्सियत और पहला बेन उल-अक़वामी सेटिलाईट उर्दू चैनल शुरू करने वाले रामोजी राव इस मर्तबा ये एवार्ड दिया गया जो कि उन के फ़र्ज़ंद सी एच्च करण ने हासिल किया ।
निदा फ़ाज़ली और मुनव्वर राना को भी उर्दू के लिए ख़िदमात अंजाम देने पर एवार्ड से नवाज़ा गया । कुल हिंद मुशायरा की निज़ामत के फ़राइज़ मंसूर उसमानी ने अंजाम दी है ।
इस मुशायरे में उर्दू दोस्त शख्सियतों की बड़ी तादाद मौजूद थी । जिन में काबुल-ए-ज़िकर फ़ारूक़ हुसैन क़ानूनसाज़ कौंसिल , अकोन सभरवाल एडीशनल डायरेक्टर नेशनल पुलिस एकेडेमी , अनीस रहमानी रीटाइरड आई ए एस , जनाब ज़हीर उद्दीन अली ख़ान मैनेजिंग एडीटर रोज़नामा सियासत , आमिर अली ख़ान न्यूज़ एडीटर रोज़नामा सियासत , सयद अहमद मुही उद्दीन कादरी उल-मारूफ़ हामिद कादरी , अनाम उल रहमन अली मसकती , ख़लीक़ उल् रहमन , एस के अफ़ज़ल उद्दीन के अलावा दीगर शामिल हैं । इ
इस मुशायरे में प्रेस कौंसिल आफ़ इंडिया के अराकीन की भी बड़ी तादाद मौजूद थी । कुल हिंद मुशायरा का आग़ाज़ मेज़बान शायरा डाक्टर तसनीम जौहर के कलाम से हुआ ।
जिन्हों ने नज़म और ग़ज़ल पेश की । अक़ील नामानी ने तरन्नुम में ग़ज़ल पेश की जबकि जनाब मंज़र भोपाली , मुनव्वर राना और निदा फ़ाज़ली ने सामीन को मस्हूर करदिया और ख़ूब दाद-ओ-तहसीन हासिल की । जनाब मंज़र भोपाली ने अपने मुनफ़रद अंदाज़ मेंग़ज़लें पेश की । उन की जानिब से पेश करदा बेटी से मुताल्लिक़ ग़ज़ल को ख़ूब सराहा गया । उन्हों ने अपने इस ग़ज़ल में एक शेर म्यों कहा कि
बेटियां होती हैं पुरनोर चराग़ों की तरह
रोशनी करती हैं जिस घर चली जाती हैं
इस ग़ज़ल से उन्हें ख़ूब दाद हासिल हुई ।