शहाबुद्दीन के समर्थन में दिल्ली के जंतर-मंतर पर कैंडल मार्च

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दिल्ली: पूर्व सांसद और राजद नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन को जेल भेजे जाने को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर उनके समर्थकों ने मंगलवार को कैंडल मार्च निकाला। इस मार्च में ‘बिहार बचाओ दल’ और कई दूसरे दलों ने भाग लिया। शहाबुद्दीन समर्थकों ने कहा कि यह एक शांति मार्च है। समर्थन में उतरे बिहार राजद कार्यकर्ताओ ने कहा कि सरकार ने न्यायालय से जमानत पर छूटे शहाबुद्दीन को फिर से जेल भेजकर उन्हें मुसलमान होने की सजा दी गई है। भाजपा के दबाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार काम कर रहे हैं। उनका कहना है कि मुस्लिम समुदाय के साथ नीतीश कुमार की सरकार नाइंसाफी कर रही है। बिहार बचाओ दल के सचिव इफ्तेख़ार अहमद ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश ने महागंठबंधन धर्म का पालन नहीं किया है। वे घटक दल के नेता के साथ भेदभाव कर रहे हैं। कार्यकर्ताओं का कहना था कि पूर्व सांसद शहाबुद्दीन की लोकप्रियता से नीतीश कुमार घबरा गए हैं।

img-20161004-wa0005कार्यकर्ताओं ने यह भी आरोप लगाया कि खुद मुख्यमंत्री के संरक्षण में कई बड़े अपराधी खुले घुम रहे हैं, लेकिन सीवान के विकास पुरुष के साथ उनका सौतेला व्यवहार समझ से परे है। लोगों ने मीडिया पर भी पक्षपात का आरोप लगाया। कार्यकर्ताओं ने हाथों में तख्तियां लिए हुए थें जिस पर लिखा था- मनुवादी माडिया हाय-हाय, तुम्हें हमारा वोट चाहिए-हमारा नेता क्यों नहीं, वी वांट जस्टिस सहित कई नारे लिखे हुए थे।

गौरतलब है कि तेजाब कांड के चश्मदीद गवाह राजीव रोशन हत्याकांड में पटना उच्च न्यायालय ने मोहम्मद शहाबुद्दीन को जमानत पर रिहा किया था। भागलपुर जेल से रिहा होने के बाद पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को परिस्थिति का मुख्यमंत्री कहकर सनसनी फैला दी थी। उसके बाद मामले में बिहार सरकार ने पटना उच्च न्यायालय के जमानत दिए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर चुनौती दी गयी थी।img-20161004-wa0010मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए एक अक्तूबर को जमानत को रद्द करते हुए तत्काल पूर्व सांसद शहाबुद्दीन को हिरासत में लेने का आदेश सरकार को दिया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद शदाबुद्दीन ने स्वयं सीवान न्यायालय पहुंचकर न्यायिक दंडाधिकारी संदीप कुमार के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था। 13 वर्ष जेल में रहने और फिर से 20 दिन बाद जेल जाने से उनके समर्थक ख़ासे नाराज हैं। इसके बाद बिहार के कई जिलों में विरोध और कैंडल मार्च निकालने जा रहे हैं। उसी विरोध को दिल्ली में उनके समर्थकों ने कैंडल मार्च निकालकर जताया।