पटना : सीवान जेल में बंद साबिक एमपी शहाबुद्दीन से अक्लियत बोह्बुद वजीर अब्दुल गफूर की मुलाकात को लेकर बुध को काबिना के दोनों सदनों में भाजपा मेम्बरों ने जम कर हंगामा किया। उन्होंने वजीर अब्दुल गफूर को फ़ौरन हटाने की मांग की। हंगामे की वजह से दोनों सदनों में पहली पाली की कार्यवाही लंच ब्रेक के पहले मुअत्तिल करनी पड़ी। वहीं, अक्लियत बोह्बुद वजीर अब्दुल गफूर ने विधानसभा अहाते में सहाफियों से कहा कि मैं सीवान गया था और मुलाकात के नियम के तहत शहाबुद्दीन से जेल में जाकर मुलाकात की थी। मिलना कोई गलत है क्या? मौका मिलेगा, तो आगे भी मिलूंगा। एसेम्बली में महज़ 10 मिनट सवाल-जवाब चल सका।
इस दौरान भी हंगामे की वजह से कुछ भी सुनाई नहीं दिया। एवान की कार्यवाही 11 बजे जैसे ही शुरू हुई ओपोजिशन के लीडर डाॅ प्रेम कुमार ने छह मार्च को सीवान जेल में शहाबुद्दीन और वजीर अब्दुल गफूर की मुलाकात का मामला उठाया और सरकार से जबाव की मांग की। उन्होंने कहा की सरकार या तो वजीर का इस्तीफा ले या उन्हें बरखास्त करे। कानून के राज के वज़ीरे आला के दावे की धज्जियां उड़ रही हैं। सरकार और मुजरिमों में सांठ-गाँठ हो गया है। रेप के मुलजिम एमएलए की अब तक गिरफ्तारी नहीं हुई है।
प्रेम कुमार जिस वक़्त अपनी सीट पर बोल रहे थे, तो नंदकिशोर यादव को छोड़ कर भाजपा के तमाम मेंबर वेल में आकर नारेबाजी करने लगे। वे ताली बजा रहे थे और हाथ में पोस्टर लिये हुए थे। एसेम्बली सदर ने प्रेम कुमार से कई बार कहा कि वे अपने मेम्बरों को सीट पर आने को कहें। एक बार यह भी कहा कि यह अच्छा तरीका नहीं है।
जेल मैनुअल का नहीं हुआ कोई खिलाफवर्जी : गफूर
अक्लियत बोह्बुद वजीर अब्दुल गफूर ने कहा की इस मुलाकात में जेल मैनुअल का खिलाफवर्जी नहीं हुआ है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी ने मुझसे इस बारे में कुछ नहीं पूछा है। भाजपा के पास कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए वे लोग बात का बतंगड़ बना रहे हैं।