नक्सलियों से लडते वक्त शहीद हुए सीआरपीएफ के जवानों की शहादत की तौहीन हुई है। रायपुर के अस्पताल में मुल्क के इन बहादुर जवानों की वर्दी और जूते कूडे के ढेर में फेंक दिए गए। नक्सली हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के जवान की वर्दी का इस तरह से तौहीन होगी ये किसी ने सोचा भी नहीं होगा।
शहादत की ऐसा तौहीन जिसे देखकर मुल्क का सिर शर्म से झुक जाए।
जिस अस्पताल में शहीदों का पोस्टमार्टम होता है उसके बाहर का हाल तो और भी बुरा है जिस जगह शहीदों का विसरा सहेजकर रखा जाता है। वहां अस्पताल में एक कुत्ते शहीदों के बचे हुए जिस्म के आज़ा को नोच रहा है। वर्दी और जूते अस्पताल के बाहर कचरे में फेंके हुए थे।
वाकिया के बाद जवानों के लाशों और ज़ख्मियों को रायपुर रवाना किया गया और लाशों का यहां के डाक्टर भीम राव अंबेडकर अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया गया। लेकिन पोस्टमार्टम के बाद शहीद जवानों की वर्दी अस्पताल के किनारे कचरे के ढेर में फेंक दिया गया।
इधर, जब इस मामले का खुलासा हुआ तब रायपुर जिला कांग्रेस सदर विकास उपाध्याय अस्पताल पहुंच गए और वर्दियों को जमा कर कांग्रेस भवन ले आए। बाद में मरकज़ी रिजर्व पुलिस फोर्स के ओहदेदारों ने वर्दियों को अपने कब्जे में लिया। वाकिया के बाद कांग्रेस ने इसे शहीदों की तौहीन बताया और कहा कि शहीदों की तौहीन करने वाली हुकूमत को एक पल भी इक्तेदार में रहने का हक नहीं है।