ख़ून का अतीया देकर बीमार अफ़राद की जान बचाना बेहतरीन ख़िदमत-ए-खल्क है । आज के इस पुरआशूब दौर में इस तरह की ख़िदमत की पहले से ज़्यादा ज़रूरत है । इन ख़्यालात का इज़हार सिनियर क़ाइद मजलिस बचाव तहरीक डाक्टर क़ायम ख़ान ने आज उम्र गुलशन फंक्शन हाल चंद्रायनगुट्टा चौराहा में शहीद इब्राहीम बिन यूनुस याफ़ई की पहली बर्सी के मौक़ा पर मुनाक़िदा ब्लड डोनेशन कैम्प का इफ़्तिताह अंजाम देते हुए किया । इब्राहीम याफ़ई साल गुज़श्ता आज ही के दिन मुख़ालिफ़ीन के क़ातिलाना हमले में शहीद हुए थे। कन्वीनर कैम्प जनाब मुहम्मद बिन उम्र याफ़ई उर्फ़ मुहम्मद पहलवान थे ।
कैम्प में डाक्टर विजय की निगरानी में लायंस ब्लड बैंक कोठी के इलावा आरोही ब्लड बैंक के डॉक्टर्स की टीम ने हिस्सा लिया । कैम्प में मुक़ामी नौजवानों , याफ़ई फैमिली के अरकान के इलावा नए शहर के एक हज़ार से ज़ाइद नौजवानों ने बिला लेहाज़ मज़हब-ओ-मिल्लत बिशमुल ख्वातीन की कसीर तादाद ने अपने ख़ून का अतीया दिया। कई नौजवान महज़ ख़ून जमा करने की थैलियां ख़तम हो जाने के सबब मायूस लौट गए । ख़ून का अतीया कैम्प ख़ुद एक ताज़ियती जलसा का मंज़र पेश कर रहा था और जिस वक़्त मुहम्मद पहलवान ख़ून दे रहे थे सैंकड़ों नौजवान नारे लगा रहे थे और कई नौजवानों की आँख से आँसू रवां थे ।
ख़ून का अतीया देने के बाद मुहम्मद पहलवान ने मीडिया से बात चीत करते हुए इस अज़म का इज़हार किया कि यक़ीनन अल्लाह ताला की नुसरत उन के शामिल हाल रहेगी और अदालत आलिया से उन्हें इंसाफ़ ज़रूर मिलेगा । उन्हों ने कहा कि दुनिया जानती है कि कौन हक़ पर है और कौन ना सिर्फ मुझे बल्कि मेरे अफ़राद ख़ानदान और याफ़ई फैमिली के तालीम याफ्ता नौजवानों को हिरासाँ कर के उन्हें मुख़्तलिफ़ केसों में माख़ूज़ कर रहा है । मुहम्मद पहलवान , कैम्प आने वाले हर शख़्स का ख़ुंदा पेशानी से ख़ैर मक़दम कर रहे थे । डाक्टर क़ायम ख़ान ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि 30 अप्रैल 2011 वाक़िया के ताल्लुक़ से पुलिस की जानिबदारी , सात माह क़बल ज़मानत की मंज़ूरी और फिर ज़मानत की मंसूख़ी के ताल्लुक़ से भी मुकम्मल तहकीकात की जानी चाहीए ।
जनाब अमजद उल्लाह ख़ान ख़ालिद कारपोरेटर एम बी टी ने कहा कि पुलिस का रवैय्या इस केस में दोहरा रहा है, दस्तूर में हर शहरी को बराबर के हुक़ूक़ हासिल हैं लेकिन पुलिस एक फ़रीक़ का मुकम्मल साथ देते हुए दूसरे फ़रीक़ मुहम्मद पहलवान के दस्तूरी हक़ को सल्ब कर रही है । इस कैम्प के इंतिज़ामात में नौवजवानान बारकस के इलावा याफ़ई फैमिली के अरकान ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया । आख़िर में कन्वीनर कैम्प मुहम्मद पहलवान ने डॉक्टर्स के इलावा ख़ून का अतीया देने वाले नौजवानों से इज़हार तशकर किया।