शांति सेनाओं के यौन उत्पीड़न के मामलों से सामूहिक रूप से निपटा जाए: भारत

भारत ने संयुक्तराष्ट्र शांति सैनिकों द्वारा की गई यौन उत्पीड़न और शोषण की वारदात को ‘घिनौना और वीभत्स’ करार देते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से एक एक ऐसा सख्त संदेश भेजने कहा है कि इस तरह की बातों से सामूहिक तौर पर निपटा जाएगा।

संयुक्तराष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरद्दीन ने कहा, ‘‘ हमने अपने सैनिकों का योगदान इसलिए दिया है क्योंकि हम इसे साझा सुरक्षा के प्रति अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिबद्धता के एक शानदार उदाहरण के रूप में देखते हैं। इसलिए हमारे लिए, यह बहुत चिंता की बात है कि रक्षकों को अब व्यापक रूप से भक्षक के रूप में देखा जा रहा है।’’ उन्होंने कहा कि भारत यौन शोषण और उत्पीड़न को कतई बर्दाशत नहीं करने की नीति पर चलता है और इस समस्या से निपटने में कोई हिचक या अनिच्छा नहीं होनी दिखता।

भारतीय राजनयिक ने कल यहां ‘संयुक्तराष्ट्र शांति स्थापना अभियान : यौन शोषण और उत्पीड़न’ पर संयुक्तराष्ट्र सुरक्षा परिषद् की बैठक में कहा कि अगर ऐसा हुआ है तो यह अनैतिक है। संयुक्तराष्ट्र शांति रक्षा अभियान में कुछ गलतियां जरूर हुई हैं। ये ‘घिनौनी और वीभत्स’ हैं, क्योंकि शांति सैनिकों और इस संगठन में एक विश्वास जताया जाता है।

(पीटीआई के हवाले से ख़बर)