शादी के बाद कि जिंदगी को खुशहाल बनाने के लिए एक दुसरे का एहतिराम जरुरी

* बोधन में मिसाली शादी कि तक़रीब से मौलाना वली उल्लाह क़ासमी का बयान‌
बोधन।( सियासत डिस्ट्रिक्ट न्यूज़) सदर जमियत उलमा जिला निज़ामाबाद मौलाना सय्यद वली उल्लाह क़ासमी ने कल अस्र कि नमाज के बाद मदनी मस्जिद बोधन में हुई शादी कि महफिल शरीक लोगों के सामने बयान करते हुए कहा कि पती पत्नी कि ज़िंदगी को कामयाब बनाने का राज़ पतीयों के हाथ में है।

उन्हों ने कहा कि जब कभी भी पती पत्नी के दरमयान किसी मसले पर झगडा होता है तब पती को चाहीए कि वो हिक्मत-ए-अमली से काम ले। मौलाना ने बताया कि औरत कि अकल आधी होने की वजह से सिर्फ पतीयों को तलाक़(डीवोस) देने का हक़ दिया गया है, ये इख़तियार अगर औरत को होता तो रोज़ाना किसी ना किसी मसले पर औरतें मर्द को तलाक़ दे दिया करतीं।

मौलाना ने कहा कि पती पत्नी कि ज़िंदगी अच्छी तरह‌ गुज़ारने के लिए मियां बीवी एक दूसरे की ख़ूबीयों को जाहिर‌ करें और माफ़ी के काबील‌ ख़ामीयों कि तरफ ध्यान ना दें।

इस से पहले मौलाना ने इंसान और इंसानी फ़ित्रत के मुख़्तलिफ़ पहलु पर रोशनी डालते हुए कहा कि अल्लाह ताला की रजामंदी हासिल करने के लिए पैग़ंबर इस्लाम स.व. के बताए हुए रास्ते पर चलते हुए इंसान ज़हनी तनाव‌ और नत नई बीमारीयों से महफ़ूज़ रह सकता है।

क़ाज़ी जनाब ख़्वाजा जमील ने साबिक़ सदर नशीन बलदिया(नगरपालिका) बोधन हाजी मुहम्मद इब्राहीम की दुख़तर का निकाह सय्यद मंसूर आलम एम एससी सय्यद आलिम मालिक फेमस लोकल लारी ट्रांसपोर्ट निज़ामाबाद के बेटे से पढ़ाया। इस मौके पर साबिक़ सदर नशीन बलदिया(नगरपालिका) बोधन जनाब मुहम्मद ग़ौस उद्दीन पुर्व‌ चेयरमैन मार्किट कमेटी बोधन हाजि शेख़ मुही उद्दीन पाशाह हेडमास्टर जनाब मुहम्मद कबीर अहमद शकील अबदुलसमी आई आर आई पुर्व‌ प्रजा राज्यम पार्टी निज़ामाबाद लिडर‌, मुहम्मद ईस्माईल अरूस के चाचा शकील अहमद पुर्व उप‌ सरपंच मौज़ा सालोरा और अबदुल ग़नी ईलेक्ट्रीशन के इलावा हाफीजों, मसजिदों के ईमामों,और मुअज़्ज़िज़ हज़रात, अरूस‍ और नशा के अज़ीज़ और रिश्तेदार, दोस्त अहबाब की बडी तादाद ने महफ़िल निकाह में शिरकत की।

निकाह‌ इंतिहाई सादगी से किया गया। आम रिवाज से हट कर नौशा सहरा और फूल के हार पहने बगै़र महफ़िल निकाह में हाज़िर हुए। मेहमानों के लिए सिंह फंक्शन हाल में डीनर का इंतेजाम किया गया जहां एक किस्म का खाना , एक सालन और सिर्फ एक मीठा पेश किया गया।

निकाह और खाने कि दावत‌ में शिरकत करने वाले मोअज़्ज़िज़ीन ने इस शादी को मिसाली शादी क़रार दिया।