शादी बचाने को बनी देवर की दुल्हन….

गाजियाबाद: एक तरफ पूरे मुल्क में यक्सा सिविल कोड लागू होने की बहस चल रही है वहीं गाजियाबाद में शरीयत कानून की वजह से एक खातून अपनी शादी बचाने के लिए कई तकलीफें झेल रही है. खोड़ा की रहने वाली मुस्लिम खातून की शादी धौलाना में अगस्त 2013 में हुई थी.

पांच माह पहले कहासुनी होने पर खातून अपने मायके चली गई. शौहर ने उसे मोबाइल पर फोन किया और तीन बार तलाक कहकर रिश्ता खत्म कर लिया. इसके बाद पिछले महीने खातून ने हरासानी का इल्ज़ाम लगाते हुए पुलिस से शिकायत की. अब शौहर भी अपने किए पर पछता रहा है.

खातून थाने में दोनों खानदानों की काउंसलिंग हुई तो तलाक दिए जाने का खुलासा हुआ. काउंसलिंग के दौरान दोनों फरीक फिर से साथ रहने को राजी हो गए, मगर शरीअत का पेंच आड़े आ गया. दरअसल शरीअती तौर पर शौहर ऐसा तभी कर सकता है, जब उसकी बीवी दूसरे मर्द से शादी करे, सुहागरात मनाए. इसके बाद फिर दूसरा शौहर उसे तलाक दे. इसे हलाला कहते हैं.

काफी जद्दोजहद के बाद पीर के रोज़ दोनों ऐसा करने पर राजी हो गए हैं. अब खातून एक रात के लिए अपने देवर से शादी करेगी. अगले दिन वह उसे तलाक देगा. इद्दत के बाद पहले शौहर से उसका फिर से निकाह कराया जाएगा.

इस बारे में बात करने पर खातून ने बताया कि यह उसके लिए बेहद तकलीफदेह है, मगर अपनी शादी ‘बचाने’ के लिए उसे ऐसा करना पड़ेगा. दूसरी तरफ, शौहर का कहना था वह बेहद शर्मिंदा है, उसे तलाक नहीं देना चाहिए था. हलाला उसके लिए भी किसी सजा से कम नहीं.