शादी मुबारक स्कीम का अज़ला में हौसला अफ़्ज़ा रद्दे अमल

सहाफ़त जम्हूरी निज़ाम का चौथा सुतून है जो आमिला, अदलिया और मुक़न्निना पर तन्क़ीदी नज़र रखता है अगर ये तन्क़ीद सियासी बुग़्ज़ और इनाद से पाक और तामीरी नुक्ते नज़र से हो तो सहाफ़त के आला इक़्दार की पासदारी होती है।

इन ख़्यालात का इज़हार डिप्टी चीफ मिनिस्टर जनाब मुहम्मद महमूद अली ने जल्सा तहनियत और तशक्कुर को मुख़ातब करते हुए किया, जिस का एहतेमाम साउथ इंडिया इस्माल एंड मीडियम न्यूज़ पेपर्स एसोसीएशन की तरफ़ से तेलुगु यूनीवर्सिटी एडोटोरियम बाग़ आम्मा में किया गया था।

एसोसीएशन की तरफ़ से तहनियत जनाब मुहम्मद महमूद अली और एसोसीएशन के सदर जनाब काज़िम अली ख़ान सदर अंबेडकर नेशनल कांग्रेस को पेश की गई कि इन हज़रात ने इस साल हज्जे अकबर की सआदत हासिल की और चीफ मिनिस्टर के चन्द्र शेखर राव का शुक्रिया अदा किया गया कि हुकूमत ने उर्दू को रियासत की दूसरी सरकारी ज़बान का दर्जा दिया है और मौलाना अबूल कलाम आज़ाद के यौमे पैदाइश को अक़लीयती यौम क़रार दिया है।

इन में अंबेडकर नेशनल कांग्रेस के कुल हिंद जेनरल सेक्रेट्रीज़ मेसर्स कर्रार अली ख़ान, के गुटैया के इलावा एसोसीएशन के ओहदेदार शेख इस्माईल, ख़ैरात अली, ख़्वाजा अलीम उद्दीन, मुमताज़ मुहम्मद, मुहम्मद समीआ उद्दीन और सुहेल इफ़्तिख़ार क़ाबिले ज़िकर हैं।