शादी मुबारक स्कीम की दरख़ास्तों की जल्द अज़ जल्द यकसूई की हिदायत

हैदराबाद: शादी मुबारक स्कीम की दरख़ास्तों की यकसूई में ताख़ीर पर चीफ़ मिनिस्टर केसीआर के दफ़्तर ने नाराज़गी का इज़हार किया है। बताया जाता है कि ग्रेटर हैदराबाद इंतेख़ाबी मुहिम के सिलसिले में वुज़रा और अवामी नुमाइंदे जब हैदराबाद और रंगारेड्डी के इलाक़ों का दौरा कर रहे हैं तो अक़िल्लीयतों की जानिब से उन्हें शादी मुबारक स्कीम की रक़म की अदम इजराई की शिकायात की जा रही हैं।

बताया जाता है कि हैदराबाद और रंगा रेड्डी में 2500 से ज़ाइद दरख़ास्तें ज़ेरे अलतवा हैं जो कई माह से उन्हें इमदादी रक़म जारी नहीं की गई। चीफ़ मिनिस्टर के दफ़्तर ने इस सिलसिले में सेक्रेटरी अक़िल्लीयती बहबूद की तवज्जे मबज़ूल कराई और ज़ेरे अलतवा दरख़ास्तों की आजलाना यकसूई की हिदायत दी ताकि ग्रेटर इंतेख़ाबात में बरसरे इक़्तेदार पार्टी को कोई नुक़्सान ना हो।

इंतेख़ाबी मुहिम में शामिल वुज़रा और क़ाइदीन ने चीफ़ मिनिस्टर के दफ़्तर को शिकायत की कि जहां भी अक़िल्लीयतों की आबादी है वहां शादी मुबारक स्कीम के बारे में अवाम शिकायत कर रहे हैं। चीफ़ मिनिस्टर के सेक्रेटरी बराए अक़िल्लीयती उमोर भोपाल रेड्डी की हिदायत पर सेक्रेटरी अक़िल्लीयती बहबूद ने अक़िल्लीयती बहबूद के ओहदेदारों को रिपोर्ट पेश करने की हिदायत दी।

बताया जाता है कि हैदराबाद और रंगा रेड्डी के ज़िलई दफ़ातिर में दरख़ास्तों की यकसूई की रफ़्तार इंतेहाई सुसत है जिसके नतीजे में ज़ेरे अलतवा दरख़ास्तों की तादाद में रोज़-अफ़्ज़ूँ इज़ाफ़ा हो रहा है। सेक्रेटरी अक़िल्लीयती बहबूद ने दोनों अज़ला की ज़ेरे अलतवा दरख़ास्तों के बारे में रिपोर्ट तलब की और रक़म की इजराई की हिदायत दी।

बताया जाता है कि हैदराबाद और रंगा रेड्डी कलेक्टरस ने महिकमा अक़िल्लीयती बहबूद को रिपोर्ट पेश करते हुए ज़ेरे अलतवा और मनज़ोरा दरख़ास्तों की तफ़सीलात रवाना की हैं। इस बात की कोशिश की जा रही है कि पीर तक तमाम ज़ेरे अलतवा दरख़ास्तों के लिए रक़म जारी कर दी जाये।

बताया जाता है कि रक़म की इजराई के सिलसिले में महिकमा फाइनेंस से मूसिर नुमाइंदगी ना होने पर ये सूरत-ए-हाल पैदा हुई है। शादी मुबारक स्कीम पर अमलावरी के सिलसिले में हैदराबाद और रंगा रेड्डी में इब्तेदा ही से शिकायात मौसूल हुई हैं और मुताल्लिक़ा ओहदेदारों की अदम दिलचस्पी के सबब ग़रीब ख़ानदानों को दुशवारी का सामना करना पड़ा। इन हालात में दरमियानी अफ़राद और ब्रोकर्स ग़रीब ख़ानदानों का इस्तेहसाल करते हुए रक़ूमात हासिल करने में मसरूफ़ हो गए|