शादी में जाति छोड़ें, मिलेंगे एक लाख

पटना : अंतरजातीय विवाह करने वाले दंपत्ति को सरकार नयी गृहस्थी शुरू करने के लिए अब एक लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि देगी. सरकार की इस योजना का लाभ किसी भी जाति के युवक और युवती उठा सकते हैं जिन्होंने अपनी बिरादरी से अलग युवक या युवती से विवाह किया हो. 
 
समाज कल्याण विभाग ने इस संबंध में पिछले साल दो सितंबर को अधिसूचना जारी कर दी है. इसके पहले अंतरजातीय विवाह करने वालों को पचास हजार रुपया प्रोत्साहन राशि के रूप में मिलता था.  सरकार की यह योजना जाति-पाति जैसी सामाजिक कुरूतियों को दूर करने के उदेश्य से लायी गयी है. सरकार ने  इसे और भी सरल किया है.
 
इस योजना कपा लाभ उनको मिल पायेगा जिनमें पति-पत्नी मेत्से कोई एक बिहार का मूल निवासी हो. यानि बिहार का कोई भी यवुक या युवती दूसरे राज्य में गैर जातीय परिवार में विवाह करता है तो उसे भी एक लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि मिलेगी. लेकिन किसी भी स्थिति में एक ही जाति के उप जाति में विवाह होने पर लाभ नहीं मिलेगा. 
 
पहले यह लाभ उन्हीं विवाहित जोड़ों को मिलता था जिनमें एक अनुसूचित जाति के होते थे. हालांकि इस तरह की योजना केंद्र सरकार की अभी भी चल रही है. लेकिन, राज्य सरकार ने इसमें बदलाव किया है. अब राज्य  में कोई भी युवा अपनी पसंद से दूसरी बिरादरी मे विवाह कर इस योजना का हकदार बन सकते हैं. अधिसूचना जारी होने के दो साल के भीतर इसके लिए संबंधित जिले में आवेदन करना होगा. 
 
विभाग ने सभी जिलों  में जिला बाल सरंक्षण इकाई के सहायक निदेशक को नाेडल अधिकारी नियुक्त  किया है. विभाग ने सभी जिलों को पैसा भी उपलब्ध कराया है.  इस योजना की खास बात यह है कि इसके लिए  कोई खर्च सीमा निर्धारित नहीं की गयी है. यानि विवाह के दो साल के भीतर जितने भी आवेदन आयेंगे सभी को मंजूरी दी जायेगी.   प्रोत्साहन राशि का भुगतान दुलहन के खाते में भेजी जायेगी.  तीन साल तक पैसे का उपयोग नहीं किया जा सकेगा.