शामी अपोज़ीशन का जिनेवा मुज़ाकरात से पहले मुतालिबा

अमरीका ने शामी हिज़्बे इख़्तलाफ़ के जंग ज़दा मुल्क में महसूर इलाक़ों की नाका बंदी ख़त्म कराने और बमबारी रुकवाने से मुताल्लिक़ मुतालिबात को जायज़ क़रार दे दिया है लेकिन इस के बावजूद इस पर ज़ोर दिया है कि वो जिनेवा अमन मुज़ाकरात में शिरकत करे।

शामी हिज़्बे इख़्तलाफ़ के बड़े इत्तिहाद ने जुमेरात को सऊदी दारुल हुकूमत अल रियाज़ में अपने इजलास में मज़कूरा मुतालिबात पूरे होने तक जिनेवा मुज़ाकरात में शिरकत ना करने का फ़ैसला किया है और इस का कहना है कि उनसे क़ब्ल मुहासिर ज़दा शहरों और कस्बों में शहरीयों को ख़ुराक और ज़रूरी अशिया पहुंचाने के लिए समझौता तय पाया जाना चाहिए।

जिनेवा में अक़वामे मुत्तहिदा की सालिसी और मेज़बानी में आज जुमा को मुज़ाकरात शुरू हो रहे हैं। अमरीका ने एक जानिब तो हिज़्बे इख़्तलाफ़ के मुतालिबात के साथ हमदर्दी का इज़हार किया है और दूसरी जानिब ये कहा है कि अमन अमल का आग़ाज़ किया जाना चाहिए।

अमरीकी महकमा ख़ारजा के तर्जुमान मार्क टोनर ने जुमेरात को सहाफ़ीयों से गुफ़्तगु करते हुए कहा: ये फ़िलवक़्त एक तारीख़ी मौक़ा है कि वो (हिज़्बे इख़्तलाफ़) जिनेवा जाएं और जंग बंदी के नफ़ाज़ और एतेमाद की फ़िज़ा बहाल करने के लिए संजीदा और अमली इक़दामात तजवीज़ करें।