अमरीकी वज़ीरे ख़ारजा जॉन कैरी ने कहा है कि आइन्दा हफ़्ते शुरू होने वाले शामी अमन मुज़ाकरात में ताख़ीर हो सकती है। कैरी के मुताबिक़ एक या दो रोज़ की ये ताख़ीर लॉजिस्टिकल वजूहात के बाइस हो सकती है। ताहम जॉन कैरी ने उम्मीद ज़ाहिर की है कि मुज़ाकरात का अमल तक़रीबन अपने वक़्त पर शुरू हो सकेगा।
कैरी के मुताबिक़ मुज़ाकरात में इस इल्तवा की वजह दरअसल शुर्का को बरवक़्त दावत नामे मौसूल ना होना है। क़ब्लअज़ीं अमरीकी वज़ीरे ख़ारजा ने शाम के लिए अक़वामे मुत्तहिदा के ख़ुसूसी एल ची स्टीफान डे मस्तूरा से मुलाक़ात की।
स्टीफान डे मस्तूरा ही शामी हुकूमत और अपोज़ीशन के दरमयान अमन मुज़ाकरात का एहतिमाम कर रहे हैं। यूरोपीय मुल्क स्विटज़रलैंड के शहर जिनेवा में इन मुज़ाकरात के लिए पीर 26 जनवरी की तारीख़ तय हुई थी।
स्विटज़रलैंड के शहर दावोस में जारी वर्ल्ड इकनॉमिक फ़ोरम के दौरान इसराईली वज़ीरे आज़म नितिन्याहू से मुलाक़ात से क़ब्ल जॉन कैरी का सहाफ़ीयों से गुफ़्तगु करते हुए कहना था, जब आप कहते हैं ताख़ीर तो ये एक या दो दिन की हो सकती है जो दावत नामे ना मिलने के बाइस हो सकती है लेकिन ये कोई बड़ी ताख़ीर नहीं है।
कैरी का मज़ीद कहना था, इस अमल का आग़ाज़ 25 तारीख़ से हो जाएगा और फ़रीक़ैन मिल बैठ कर देखेंगे कि हम कहाँ तक पहुंचे हैं।