सदर शाम बशर अल असद को इक़तिदार ( शासन) से बेदख़ल करने की लड़ाई लड़ने वाले शामी ( Syrian) बाग़ीयों ने पहली मर्तबा ज़मीन से फ़िज़ा (हवा) में मार करने वाले मिज़ाईल हासिल कर लिए हैं। ये इत्तिला मीडीया ने दी है जिस से किसी मग़रिबी मुक़तदिर ने इख़तिलाफ़ नहीं किया।
एन बी सी न्यूज़ ने कल रात ख़बर दी कि बाग़ीयों की आज़ाद शामी फ़ौज ने कोई दो दर्जन की तादाद में ऐसे हथियार हासिल कर लिए हैं और ये हथियार उन्हें तुर्की के रास्ते से मिले हैं। वाज़िह रहे कि तुर्की की एतिदाल ( बराबरी) पसंद इस्लामी हुकूमत का भी मुतालिबा है कि शाम के सदर असद अब इक़तिदार ( शासन) से दस्तबरदार हो जाएं।
दस्तयाब इशारों से पता चलता है कि हुकूमत अमेरीका इन मीज़ाईलों की फ़राहमी की ज़िम्मेदार नहीं है क्योंकि कहा जाता है कि वो बाग़ीयों को मुसल्लह करने की मुख़ालिफ़त ( विरोध) करती आई है। इस के बावजूद बाअज़ अमेरीकी सरकारी ज़राए का कहना है कि शाम में असद हुकूमत को बरतरफ़ देखने की ख़ाहां अरब हुकूमतें कई हफ़्तों से ऐसे मीज़ाईलों के लिए दबाओ डालती आ रही थीं।
इन मीज़ाईलों को मैन पेड भी कहा जाता है जिसे कोई भी उठाकर कहीं ले जा सकता है। हालिया दिनों में ब ज़ाहिर बाग़ीयों के ख़िलाफ़ शामी हुकूमत की कार्यवाईयों में खासतौर पर तिजारती शहर हलब में तेज़ी आई है। इस लिहाज़ से भी बाग़ीयों के लिए मीज़ाईलों की ज़रूरत बढ़ गई थी।
अभी तक ये वाज़िह ( स्पष्ट) नहीं है कि शामी बाग़ीयों को जो में पेड मिज़ाईल दिए गए हैं वो किस नौईयत के हैं। एन बी सी न्यूज़ ने इस बाबत कोई तफ़सील फ़राहम नहीं की। ऐसे हथियार मामूली से इंतिहाई नौईयत के होते हैं। अगर बाग़ीयों को ऐसे हथियार मिल भी गए हैं तो ये वाज़िह नहीं कि आया उन्हें ऐसे हथियार चलाने की तर्बीयत ( training/प्रशिक्षण) भी मिली है।
ये हथियार फ़िज़ाई ताक़त के ख़िलाफ़ इस्तेमाल होते हैं।