शामी फ़ौज का कामयाब खु़फ़ीया हथियार, मोटर साईकल

शामी फ़ौज ने गुज़िश्ता हफ़्ते बाग़ीयों के मज़बूत गढ़ सलमाई का कंट्रोल हासिल कर लिया है। इस जंग में रूसी फ़िज़ाई मदद के इलावा शामी फ़ोर्सेस के एक खु़फ़ीया हथियार यानी मोटर साईकलों ने भी अहम किरदार अदा किया।

शामी फ़ोर्सेस ने सलमा शहर के तंग रास्तों तक पहुंचने, वहां जंग करने और उन इलाक़ों तक ख़ुराक और हथियार पहुंचाने के इलावा ज़ख़्मीयों को भी वहां से निकालने के लिए इस सवारी का कामयाबी से इस्तेमाल किया।

शामी फ़ौजीयों के मुताबिक़ सलमा शहर का कंट्रोल हासिल करने में मोटर साईकलों ने इंतिहाई अहम किरदार अदा किया है। ये शहर साहिली सूबा इलाज़क्या का हिस्सा है और ये बाग़ीयों का एक ग़ैर मामूली मज़बूत गढ़ क़रार दिया जाता था।

सलमा शहर 2012 में हुकूमती फ़ोर्सेस के हाथों से निकल गया था। एक 25 साला शामी फ़ौजी हीनी के मुताबिक़ उसने गुज़िश्ता नौ माह का ज़्यादातर वक़्त मोटर साईकल पर ही गलीयों में जंग करते हुए गुज़ारा है: जंग के आग़ाज़ के बाद से हमारे लड़ने का तरीका-ए-कार अब काफ़ी तबदील हो चुका है और हम हमलों के लिए अपने तरीक़े बना चुके हैं।