रूस के मर्कज़ी हिज़ब-ए-इख़्तलाफ़ (अपोजीशन) ग्रुप के जिला वतन रहनुमा ने कहा है कि रूस को ये बात समझ लेनी चाहीए कि ये शाम का बोहरान हिज़ब-ए-इख़्तलाफ़ (अपोजीशन) और हुकूमत के दरमियान तनाज़ा (कंट्रो वरसी ) नहीं बल्कि एक इन्क़िलाब है।
शामी नेशनल कौंसल के सरबराह अबदुल बासित सैदा ने वज़ीर-ए-ख़ारजा (विदेश मंत्री) रूस सुरजी लारोफ़ को बताया कि शाम के वाक़ियात हिज़ब-ए-इख़्तलाफ़ (अपोजीशन) और हुकूमत के दरमियान इख़तिलाफ़ात नहीं,बल्कि एक इन्क़िलाब हैं। उन्हों ने शाम के वाक़ियात का सोवीयत यूनीयन के ज़वाल से तक़ाबुल किया।