शाम का बोहरान : 30 लाख लोगों का पलायन

अक़्वामे मुत्तहदा के इदारा बराए मुहाजिरीन का कहना है कि शाम में जारी बोहरान बदतरीन होता जा रहा है और उस के पास रजिस्टर्ड अफ़राद की तादाद 30 लाख से ज़ाइद हो चुकी है।

यू एन एच सी आर का कहना है शाम में जारी इंसानी बोहरान इस दौर की सब से बड़ी एमरजेंसी है जिस की बाइस शाम की कुल आबादी का तक़रीबन निस्फ़ बेघर होने पर मजबूर हो गया है।

ज़्यादा तर अफ़राद शाम की हमसाया ममलकतों में पनाह लिए हुए हैं जिन में से 11 लाख से ज़ाइद सिर्फ़ लेबनान में पनाह गुज़ीन हैं। शाम की ख़ानाजंगी में अब तक तक़रीबन 190000 अफ़राद हलाक हो चुके हैं।

शाम की हिज़्बे इख़्तिलाफ़ के गिरोह मार्च 2011 में हुकूमत मुख़ालिफ़ मुज़ाहिरों के बाद से सदर बशारुल असद की सरकारी फ़ौज के साथ लड़ रहे हैं।

हालिया महीनों में दौलते इस्लामीया की तशकील और पेशक़दमी के बाद सूरते हाल मज़ीद ख़राब हुई है। ये जमात शाम और इराक़ के एक बड़े हिस्से पर क़ाबिज़ हो चुकी है।