शामी सदर बशारुल असद के ख़िलाफ़ बर्पा अवामी बग़ावत की तहरीक के दौरान क़ौमी मईशत को ग़ैर मामूली नुक़्सान पहुंचा है मगर एक ताज़ा इन्किशाफ़ ये हुआ है कि शाम की दो तिहाई मईशत पर बशारुल असद और उन के नवरत्नों का क़ब्ज़ा है।
क़ौमी वसाइल, आमदनी के तमाम ज़राए या तो बशारुल असद के ख़ानदान के पास हैं या उन के निहायत क़रीब समझे जाने वाले वफादारों के क़ब्ज़े में हैं।
अमरीका में क़ायम वाशिंगटन इंस्टीटियूट ऑफ़ पालिसी स्टडीज़ ने शामी मईशत पर असद और उन के मुक़र्रबीन के नेटवर्क की बालादस्ती की खु़फ़ीया दस्तावेज़ात मंज़रे आम पर लाई हैं। प्राईवेट सेक्टर के दो तिहाई वसाइल पर उन के भाई माहरुल असद और ख़ालाज़ाद रामी मख़लोफ़ का क़ब्ज़ा है।