दमिश्क, फ़रवरी: शाम में जारी सरकारी अफ़्वाज और बागियों के दरमियान जंग को रोकने में मुतबादिल इक़दामात पर ग़ौर करने के बजाय मग़रिबी ताक़तें अपने बचाव की फ़िक्र कर रही हैं। अमरीका बर्तानिया में शाम के कीमियाई हथियारों को क़बज़े में लेने का मंसूबा बनाया है।
अमरीका को डर है कि शुमाली कोरिया और ईरान के न्यूक्लियर कीमियाई और हयातयाती हथियारों के दहश्तगरदों के हाथ लगने के पेशे नज़र ख़तरात में इज़ाफ़ा हो सकता है इस लिए अमरीका अपने हलीफ़ मुल्क बर्तानिया के साथ मिलकर फ़ौजी कमांडर को हिदायत दी है कि शाम के कीमियाई हथियारों को अपने क़बज़े में लेने का मंसूबा बनाएं। बर्तानिया के अख़बार टेलिगराफ़ के मुताबिक़ रॉयल एयरफ़ोर्स रीजमेंड के ख़ुसूसी यूनिट को ज़िम्मेदारी तफ़वीज़ की गई है कि वो शाम के मोहलिक हथियारों को क़बज़े में लेने या उन्हें तबाह करने की ख़ुसूसी मुहिम शुरू करें।
अमरीका के हिक्मत साज़ों के ग्रुप ने भी शाम के इलाक़ों में या मशरिक़ वुसता में मोहलिक हथियारों को क़बज़े में लेने की तैयारी शुरू करदी गई है। ये मंसूबा भी बनाया गया है कि शाम दाख़िली तौर पर जंग और ख़ूँरेज़ी के बाद मफ़लूज या तबाही के दहाने पर पहूंच जाये। यहां पर इस से पहले कि ख़ानाजंगी शुरू हो अमरीका चाहता है कि इस मुल्क के मोहलिक हथियार छीन लिए जाएं। सदर बशारुल असद की वफ़ादार फ़ौज के क़बज़े में जितने भी हथियार हैं उन्हें अमरीका छीन लेना चाहता है।