रूस इस बात का ख़ाहां है कि शाम के बारे में मुज़ाकरात का दूसरा दौर मुनाक़िद हो, जिसमें मुल्क में सरगर्म दहशतगर्द ग्रुपों की फ़ेहरिस्त के बारे में एक समझौता तय किया जाए।
मंगल के रोज़ रूस के शहर, सोची में ख़िताब करते हुए, रूसी वज़ीरे ख़ारजा सर्गई लावरोफ़ ने कहा है कि इस किस्म की फ़ेहरिस्त का होना ज़रूरी है, ताकि किसी को शाम में सरगर्म किसी किस्म के टोले या दीगर मुसल्लह ग्रुप के बारे में कोई इबहाम बाक़ी ना रहे।
रूस की सरकारी ख़बररसां इदारे, तास ने ख़बर दी है कि लावरोफ़ ने मज़ीद कहा कि इस मुआमले की मुकम्मल वज़ाहत के बग़ैर पेशरफ़्त का हुसूल नामुमकिन होगा। उन्हों ने कहा कि अगर सियासी अमल की इबतिदा के बग़ैर जंग बंदी का ऐलान किया जाता है, तो सीज़ फ़ायर का समझौता दहशतगर्द तन्ज़ीमों पर लागू नहीं होगा, जिन्हें क़ानूनी एहदाफ़ ख़्याल किया जाता है।