शाम के शहरी सब से बड़ी मुहाजिर आबादी बनने के क़रीब

अक़वामे मुत्तहदा ने कहा है कि शामी तनाज़े के सबब बेघर होने वालों की एक कसीर तादाद की वजह से शामी शहरी दुनिया की सब से बड़ी मुहाजिर आबादी बनने के क़रीब हैं। इस वक़्त दुनिया की सब से बड़ा मुहाजिरआबादी अफ़्ग़ानों की है।

अक़वामे मुत्तहदा के सेक्रेट्री जेनरल बान्की मून ने मंगल को जेनरल असेंबली को बताया कि सलामती कौंसिल में शाम के बारे में मंज़ूर होने वाली क़रारदाद को अमली जामा पहनाने के लिए आलमी बिरादरी को यकजा होना चाहिए। उन्हों ने कहा कि शाम में लाखों अफ़राद मदद के तलबगार हैं, मुतास्सिरा शामी इलाक़ों के लिए इमदादी सामान की सप्लाई तैयार है। मुंतज़िर अफ़राद तक इस सामान की तरसील को मुम्किन बनाने के लिए हमें महफ़ूज़ रास्तों की ज़मानत चाहिए।

उन्हों ने कहा है कि ये एक इंतिहाई अहम अमर है कि शामी हुकूमत और इस तनाज़े के तमाम फ़रीक़ैन ने इमदादी सामान की पुर अमन तक़सीम में तआवुन करने की यक़ीन दहानी कराई है। उन्हों ने आलमी बेरादरी पर ये ज़ोर भी दिया कि वो शाम में असलहे की तरसील को बंद करते हुए वहां ग़ैर मुल्की जंगजूओं के दाख़िले को भी रोकने की कोशिश करे।

शाम में बाग़ी जहां सदर बशारुल असद के ख़िलाफ़ महाज़ आरा हैं, वहीं उन की इस जद्दो जहद में शरीक मुतअद्दिद इस्लामी शिद्दत पसंद गिरोह भी अपने मक़ासिद हासिल करने की कोशिश में हैं। इन इस्लामी अस्करीयत पसंद गिरोहों के दरमयान झड़पों की इत्तिलाआत भी अब आम हो चुकी हैं।