शाम में इंसानी ढाल बनाने की तैयारीयों का आग़ाज़

शाम के मुख़्तलिफ़ इलाक़ों में सेक्योरिटी फ़ोर्स और बाग़ीयों के दरमियान लड़ाई के बाइस आवाम की बड़ी तादाद हिजरत करके क़रीबी ममालिक में पनाह हासिल कर रहे हैं। अक़वाम-ए-मुत्तहिदा का कहना है कि शाम में कशीदगी के बाइस हिजरत करने वालों में दस लाख से ज़ाइद बच्चे भी शामिल हैं। अमेरीका ने शाम पर जंग मुसल्लत की तो मज़ीद लाखों बच्चे बेघर हो जाएंगे। शाम में जारी फ़सादाद और लड़ाईयों के बाइस आवाम की बड़ी तादाद इराक़ लेबनान और दीगर क़रीबी ममालिक में नक़्ल-ए-मकानी कर रही है। सिर्फ़ इराक़ के सरहदी इलाक़े में पनाह हासिल करने वालों की तादाद लाखों में है। जबकि लेबनान और दीगर ममालिक हिजरत करने वालों में भी हज़ारों बच्चे शामिल हैं।

अक़वाम-ए-मुत्तहिदा के इदारा बराए मुहाजिरीन का कहना है कि शाम में कशीदगी के बाइस लाखों शामी हिजरत करके क़रीबी ममालिक में जा चुके हैं इन में दस लाख से ज़ाइद सिर्फ़ बच्चे हैं जबकि शाम के अंदर बीस लाख से ज़ाइद बच्चे बेघर हुए हैं। यूनीसेफ का कहना है कि इतनी बड़ी तादाद में बच्चों की बेघरी शर्मनाक है। समाजी माहिरीन का कहना है कि अमेरीका ने शाम पर जंग मुसल्लत की तो मज़ीद लाखों बच्चे बेघरी का शिकार हो जाएंगे। शाम में शहरीयों ने अमेरीकी हमले के ख़िलाफ़ ह्यूमन शील्ड बनाने की तैयारी शुरू कर दी है, दुनिया भर में अमेरीकी हमले के ख़िलाफ़ मुज़ाहिरे जारी हैं। जंग से तबाह हाल दमिश्क़ में ये नौजवान बैरूनी जंग मुसल्लत करने के ख़िलाफ़ एहतिजाज की तैयारी कर रहे हैं।

दमिश्क़ में ख़वातीन और बच्चों ने ह्यूमन शील्ड बना रहे हैं। मुज़ाहिरीन ने खे़मे लगाए हैं, दीगर शामी शहरीयों से भी ह्यूमन शील्ड का हिस्सा बनने की अपील की गई है। दमिश्क़ में ही मुम्किना हमले के ख़िलाफ़ एहतिजाजी मुज़ाहिरा किया गया और सदर बशर अल असद के हक़ में नारेबाज़ी की। अमेरीकी हमले की तैयारीयों के साथ ही बाग़ीयों ने भी हमले तेज़ कर दिए हैं, समाजी राबिते की वेबसाइट पर अपलोड होने वाली वीडीयो में बाग़ीयों को फ़ौजी अड्डे पर हमला करते दिखाया गया है। ताज़ा हमले में हलाकतों की तसदीक़ नहीं हो सकी, शाम में एक साल से जारी ख़ानाजंगी में एक लाख से ज़ाइद अफ़राद हलाक हो चुके हैं।

बेरूत से मौसूला इत्तिला के बमूजब गुज़श्ता हफ़्ता फ़िज़ाई हमलों और जंग के नतीजा में दमिश्क़ के करीब कस्बों में हलाक होने वालों की तादाद में इज़ाफ़ा होकर वो 42 हो गई। निग़रांकार इदारा के बमूजब सरकारी फ़ौज ने फ़ौजी चौकियों पर बागियों के हमला के बाद जवाबी कार्रवाई की थी। शामी रसदगाह बराए इंसानी हुक़ूक़ की ख़बर के बमूजब कम अज़ कम 20 बाग़ी क़स्बा रहेबा में जो शाम के दारुल-हकूमत दमिश्क़ शुमाल मशरिक़ में वाकेय् है, हलाक हो गए। दीगर महलोकीन सरकारी फ़ौजियों और बेक़सूर शहरियों बिशमोल 4 बच्चों पर मुश्तमिल हैं।

कल सहर के वक़्त दुबारा जंग छिड़ गई थी जो कल दिन भर जारी रही।सरकारी लड़ाका तैय्यारों ने क़स्बा रहेबा पर फ़िज़ाई हमले किए और क़स्बा के मुज़ाफ़ात में दस्त ब दस्त जंग हुई। इंसानी हुक़ूक़ इदारा के बमूजब जो अपने कारकुनों और तिब्बी अरकान अमला से मालूमात हासिल किया करता है, शाम की ख़ानाजंगी के मार्च 2011में आग़ाज़ से अब तक कम अज़ कम एक लाख 10 हज़ार अफ़राद बिशमोल 40146 बेक़सूर शहरी हलाक हो चुके हैं। इस तशद्दुद में मज़ीद शिद्दत पैदा हो जाती है जबकि 21 अगस्त को मुबय्यना तौर पर सरकारी फ़ौज ने आवाम पर ज़हरीली गैस से हमला किया था जिस में सैंकड़ों अफ़राद हलाक हो गए। बाअज़ मग़रिबी और अरब ममालिक ने बशर अल असद की हुकूमत पर ख़ुद अपने अवाम के ख़िलाफ़ कीमीयाई हथियारों के इस्तेमाल का इल्ज़ाम आइद किया है लेकिन हुकूमत शाम उस की सख़्ती से तरदीद करती है।