शाम में इक्तेदार की पुरअमन मुंतक़ली के लिए सऊदी अरब और मिस्र का ज़ोर

रियाद, 06 जनवरी: ( एजेंसी ) : सऊदी अरब और मिस्र ने शाम में इक्तेदार की पुरअमन मुंतक़ली पर ज़ोर दिया । तक़रीबा दो साल से सदर बशर अल असद हुकूमत के ख़िलाफ़ जारी अवामी एहतिजाज में ज़ाइद अज़ 60 हज़ार अफ़राद की हलाकत के बाद इस तशद्दुद को ख़त्म करने हर मुम्किना तआवुन की पेशकश की गई ।

रियाद में सऊदी अरब के वज़ीर ए ख़ारेजा सऊद अल-फ़ैसल ने अपने मिस्री हम मंसब मुहम्मद कामिल अमीर से बात चीत के बाद अख़बारी नुमाइंदों से कहा कि अब शाम के अवाम को ये फैसला करना है कि बशर अल असद की इक्तेदार ( शासन) से बेदखली के क्या शराइत रखते हैं ।

मिस्र के वज़ीर ए ख़ारेजा ने इक्तेदार की पुरअमन मुंतक़ली की कोशिशों में शिद्दत लाने की अपील की ये पहली मर्तबा है कि सऊदी अरब और मिस्र ने बशर अल असद के इस्तीफ़ा के लिये मुशतर्का तौर पर अपील की है । आलम अरब में मआशी तौर पर सबसे ताक़तवर सऊदी अरब और कसीर आबादी वाला अरब मुल्क मिस्र ने मिल कर शाम में अमन की बहाली को यक़ीनी बनाने की अपील की है ।

रियाद में शाह सऊद यूनीवर्सिटी के सयासी मुतालआत के प्रोफेसर ख़ाल अलदख़ेल ने कहा कि शाम के मुआमला में अरब ममालिक एक दूसरे के करीब आ रहे हैं । ये ममालिक शाम की हुकूमत की बेदखली को अरब और इलाक़ाई सतह पर बेहतरी के तौर पर मुतसव्वर करते हैं इस मौज़ू पर सितंबर में क़ाहिरा में मुनाक़िदा अरब वुज़राए ख़ारेजा के इजलास से सऊदी अरब दूर था सदर मिस्र मुहम्मद मर्सी ने शाम पर ग़ौर-ओ-ख़ौस के लिये ये इजलास तलब किया था ।

जिसमें इरान ने भी शिरकत की थी जो बशर अल असद का हामी मुल्क है और तुर्की ने बागियों की हिमायत की है । इजलास में शरीक ममालिक कोई समझौता करने में नाकाम हुए थे ।।