शाम में जंग बंदी अभी ज़ेरे बहस है – रूस

रूस का कहना है कि शाम में मुम्किना जंग बंदी के लिए मुज़ाकरात जारी हैं और शामी बोहरान के हल के हवाले से कोई इत्तिफ़ाक़ राय क़ायम नही हो रहा है। ये बयान ऐसे मौक़ा पर सामने आया है कि जब अक़वामे मुत्तहिदा की एक रिपोर्ट में इंतिबाह किया गया है कि हमस में फंसे हुए एक लाख 20 हज़ार को भूक वो क़हत का सामना है।

रूसी सदारती दफ़्तर क्रेमलिन के तर्जुमान दीमितरी पेस्कोव ने सहाफ़ी की जानिब से इस सवाल पर कि क्या रूस ने जंग बंदी के आग़ाज़ के लिए यक्म मार्च की तारीख़ की तजवीज़ दी है, कहा “ये अमल बहुत नाज़ुक है, मुज़ाकरात अभी जारी हैं, कोई भी अभी शामी बोहरान के हल में इत्तिफ़ाक़ राय के हवाले से हतमी बात नहीं कह सकता है।”

रूस की जानिब से इस बयान से क़ब्ल बुध के रोज़ एक मग़रिबी ओहदेदार की जानिब से बताया गया था कि रूस ने शाम में जंग बंदी के लिए एक मार्च की तारीख़ तजवीज़ की थी मगर उनका ये भी कहना था कि रूस की इस तजवीज़ पर कोई फ़ैसला नहीं हो सका।