शाम में जबरी गुमशुदगियां एक कारोबार

इन्सानी हुक़ूक़ की आलमी तंज़ीम एमनेस्टी इंटरनेशनल ने जुमेरात को अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि शामी हुकूमत और इत्तिहादी मिलिशिया सन 2011 से अब तक जबरी गुमशुदगियों की एक मुहिम में हज़ारों लोगों को गिरफ़्तार और अग़वा कर चुकी है जो कि इन्सानियत के ख़िलाफ़ एक जुर्म है।

हुक़ूक़ की निगरानी के हवाले से काम करने वालों ने गुमशुदा अफ़राद के रिश्तेदारों से मुलाक़ातें कीं जिन्होंने बताया कि वो अपने अहले ख़ाना के मुताल्लिक़ मालूमात हासिल करने के लिए हुक्काम से क़रीबी ताल्लुक़ात रखने वाले अफ़राद को रिश्वत देने पर मजबूर हैं।

और अब ये चोर बाज़ारी के एक मुनाफ़ा बख़्श कारोबार को फ़रोग़ देने का बाइस बन रहा है। एमनेस्टी इंटरनेशनल के मुताबिक़ उन्हों ने जबरी गुमशुदगियों के मुआमले पर शामी हुक्काम से बातचीत करने की कोशिश की है और अब वो उन की जानिब से जवाब के मुंतज़िर हैं।