शाम में जारी फ़िर्कावारीयत से नस्लकुशी का ख़तरा

शाम में अक़वामे मुत्तहिदा के सफ़ीर मुख़्तार लामानी ने ख़बरदार किया है कि शाम में जारी तशद्दुद मुल्क को नस्लकुशी की जानिब धकेल रहा है। मुख़्तार लामानी ने कहा कि शाम में बढ़ती हुई फ़िर्कावारीयत दहश्त अंगेज़ है और वहां देही इलाक़ों से लोग तेज़ी से नक़्ले मकानी कर रहे हैं भले ही वो सुन्नी हों, अलावे हों या फिर मसीही।

उन के बाक़ौल सब से ज़्यादा ख़तरे से दो-चार अलावे फ़िर्क़े से ताल्लुक़ रखने वाली अक़लीयती आबादी है जिस से सदर बशारुल असद का भी ताल्लुक़ है। दूसरे नंबर पर मसीही बिरादरी है।

मुख़्तार लामानी ने कहा कि शाम के लोगों के लिए हालात बदतर होते जा रहे हैं। फिर इन अनासिर की मुदाख़िलत भी है जो इस्लामी रियासत के क़ियाम या ऐसे ही किसी एजेंडे के साथ मैदान में उतरे हुए हैं, वो इन मज़हबी अक़लीयतों को निशाना बना रहे हैं।