शाम में तशद्दुद , 70 हलाक

नीकोसया 16 नवंबर (ए एफ़ पी) शाम में तशद्दुद की लहर भड़क उठी है, कल से अब तक ज़ाइद अज़ 70 अफ़राद हलाक हुए हैं। हालिया खूँरेज़ दिनों में ताज़ा हलाकतों के बाद आज का सब से ज़्यादा ख़ूनी दिन रहा। हुकूमत के ख़िलाफ़ भड़क उठने वाले तशद्दुद में कोई कमी नहीं आरही है। गुज़श्ता 8 माह से बशारुल असद हुकूमत के ख़िलाफ़ मुज़ाहिरे हो रहे हैं।

बर्तानिया में शाम के निगरान कार बराए इंसानी हुक़ूक़ ने कहा कि सीकोरीटी फोर्सेस ने अंधा धुंद कार्रवाई करते हुए 27 शहरीयों को हलाक करदिया है जबकि एहितजाजियों और सीकोरीटी फोर्सेस के दरमयान झड़पों में 34 सिपाही हलाक और 12 मुश्तबा फ़ौजी जवान मारे गए हैं। सब से ज़्यादा हलाकतें शाम के जुनूबी सूबा दर्रा में हुई हैं जहां खूँरेज़ लड़ाई जारी है। मुबस्सिरीन ने नकोसया मैं मौसूल एक ब्यान में बताया गया है कि सीकोरीटी फ़ोर्स ने 23 अफ़राद को क़रीब से गोली मार कर हलाक करदिया। ये सीकोरीटी ख़ीरबत ग़िज़ा ले और हराक टाउन के दरमयान वाक़्य सड़क पर ताय्युनात है। इस ने शहरीयों को निशाना बनाया इसी इलाक़ा में एहितजाजियों के साथ फ़ौज की झड़प में 34 सिपाही मारे गए हैं।

बज़ाहिर ये लोग फ़ौज से मुनहरिफ़ होने वाले हैं। इन में 12 की मौत हुई है। दीगर 4 शहरी शहर हुम्मस में सीकोरीटी फ़ोर्स की फायरिंग में मारे गए हैं। ये इलाक़ा वस्त शाम में एहतिजाज का मर्कज़ है। अक़वाम-ए-मुत्तहिदा के तख़मीना के मुताबिक़ 15 मार्च से शुरू होने वाले शाम के तशद्दुद में अब तक 3500 अफ़राद हलाक हुए हैं। इसी दौरान उरदुन के शाह अबदुल्लाह दोम ने शाम के सदर बशार अलासद से मुतालिबा किया है कि वो अपने मलिक के मुफ़ाद में इक़तिदार छोड़ दें।

शाह अबदुल्लाह पहले अरब लीडर हैं जिन्हों शामी सदर से वाज़िह लफ़्ज़ों में इक़तिदार छोड़ने का मुतालिबा किया है।उन्हों ने कल बर्तानवी नशरियाती इदारे से गुफ़्तगु करते हुए कहा कि अगर बशार अलासद को अपने मुल्क से कोई दिलचस्पी है तो उन्हें इक़तिदार छोड़ देना चाहिये।उन्हों ने कहा कि अगर मैं शामी सदर की जगह होता तो इक़तिदार को ख़ैरबाद कह देता और इस बात को यक़ीनी बनाता कि कौन मेरे पीछे आता है और कौन इस्टेट्स को तोड़ता है।यही चीज़ हम देख रहे हैं।

उरदुन के फ़रमांरवा से क़बल 8 अगस्त को सऊदी अरब के फ़रमांरवा शाह अबदुल्लाह बिन अबदुलअज़ीज़ ने शाम में ख़ूँरेज़ी बंद कराने का मुतालिबा किया था और दमिशक़ में मुतय्यन अपने सफ़ीर को वापिस तलब कर लिया था।शाह अबदुल्लाह ने तब कहा था कि शाम के मुस्तक़बिल का इन्हिसार दानिश और अफ़रातफ़री में से किसी एक के इंतिख़ाब पर है।

मशरिक़े वुसता और शुमाली अफ़्रीक़ा के ममालिक में अरब इन्क़िलाबात के बाद ये पहला मौक़ा था कि सऊदी अरब ने एक और अरब मलिक के मुआमले में मुदाख़िलत की थी और इस तरह उस की हुकूमत को कड़ी तन्क़ीद का निशाना बनाया था।सऊदी अरब की तरह उरदुन भी शाम में सदर बशार अलासद के ख़िलाफ़ बरपा अवामी तहरीक को दबाने के लिए स्कियोरटी फ़ोर्सिज़ के क्रैक डाउन का मुख़ालिफ़ है।हफ़्ते के रोज़ उरदुन ने भी शाम की अरब लीग में रुकनीयत मुअत्तल करने के हक़ में वोट दिया था।

लेकिन शामी वज़ीर-ए-ख़ारजा वलीद अलमालम ने अरब लीग के फ़ैसले को एक साज़िश क़रार दे कर मुस्तर्द करदिया है।इन का कहना है कि शाम को झुकाया नहीं जा सकता और वो मौजूदा बोहरान से एक ताक़तवर मलिक के तौर पर उभरेगा और इस के ख़िलाफ़ साज़िशें नाकामी से दो-चार होंगी।इस दौरान योरपी यूनीयन ने शाम में शहरीयों के ख़िलाफ़ स्कियोरटी क्रैक डाउन के तनाज़ुर में बशार अलासद की हुकूमत पर दबाओ बढ़ाते हुए नई पाबंदीयां आइद कर दी हैं। साथ ही वहां के शहरीयों के तहफ़्फ़ुज़ के लिए बैन-उल-अक़वामी कार्रवाई पर ज़ोर भी दिया है

शाम के वज़ीर-ए-ख़ारजा वलीद अलमालम ने कहा है कि अरब लीग की जानिब से उन के मुल़्क की रुकनीयत की मुअत्तली एक ख़तरनाक क़दम है और लीबिया का मंज़रनामा शाम में दुहराया नहीं जाएगा।वलीद अलमालम ने यहां एक पर हुजूम न्यूज़ कान्फ़्रैंस से ख़िताब करते हुए कहा कि अरब लीग की जानिब से शाम की रुकनीयत मुअत्तल करने का फ़ैसला एक ख़तरनाक क़दम है।आज शाम में एक बोहरान है जिस की क़ीमत चुकाना पड़ेगी।शाम झुकेगा नहीं,वो एक मज़बूत मलिक के तौर पर उभरेगा और इस के ख़िलाफ़ साज़िशें नाकाम होंगी।

उन्हों ने टैलीविज़न पर बराह-ए-रास्त नशर की गई न्यूज़ कान्फ़्रैंस में कहा कि अमरीका की जानिब से अरब लीग के फ़ैसले का ख़ौरमक़दम उस की शहि देने के ज़ुमरे में आता है।उन्हों ने कहा कि अरब लीग की जानिब से रुकनीयत की मुअत्तली के बावजूद रूस और चीन की मुख़ालिफ़त की वजह से शाम में लीबिया के मंज़र नामे को दुहराया नहीं जा सकेगा।

अरब लीग के वुज़राए ख़ारिजा ने हफ़्ते के रोज़ अपने इजलास में शामी हुकूमत से चार दिन में अमन मंसूबा पर अमल दरआमद का मुतालिबा किया था और नाकामी की सूरत में 16नवंबर से इस की रुकनीयत मुअत्तल करने का ऐलान किया था जबकि तंज़ीम ने दमिशक़ में मुतय्यन अरब सफ़ीरों को भी वापिस बुलाने का फ़ैसला किया था और कहा था कि शामी सदर बशारुल असद की हुकूमत के ख़िलाफ़ सयासी और इक़तिसादी पाबंदीयां आयद करदी जाएंगी।तंज़ीम ने शामी फ़ौज पर भी ज़ोर दिया कि वो शहरीयों की हलाकतों का सिलसिला ख़तम करदी।