शाम में फ़ौजी कार्रवाई बंद करने 3 दिन की मोहलत

दुबई 18 नवंबर (यू एन आई)शाम की बशार अलासद इंतिज़ामीया को अरब लीग ने हुकूमत मुख़ालिफ़ीन पर फ़ौजी कार्रवाई बंद करने के लिए तीन दिन की मोहलत दी है लेकिन ये वाज़िह नहीं किया कि अगर तीन दिन में शहरी इलाक़ों से फ़ौज वापिस नहीं बुलाई तो अरब लीग क्या फ़ैसला करेगी।

अरब लीग ने बशार अल् असद् पर दबाओ बढ़ाते हुए इक़तिसादी पाबंदीयों का भी इशारा दिया है और शामी हुकूमत से कहा है कि तीन दिन के अंदर हुकूमत मुख़ालिफ़ीन के ख़िलाफ़ जारी क्रैक डाउन का सिलसिला बंद कर दिया जायॆ।

आम ख़्याल ये है कि अरब लीग उमूमी तौर पर अपने किसी रुकन मलिक के ख़िलाफ़ पाबंदीयां आइद नहीं करती ताहम शाम के मुआमले पर माहिरीन की एक टीम से इक़तिसादी पाबंदीयों का मुसव्वदा तैय्यार करने का कह दिया गया है।

रबात में एक प्रैस कान्फ़्रैंस के दौरान क़ुतर के वज़ीर-ए-ख़ारजा शेख़ हामिद बिन जासम एलिसानी से जब पूछा गया कि आया तीन दिन का अल्टीमेटम शाम से निमटने का आख़िरी सिफ़ारती ज़रीया है तो उन्हों ने जवाब दिया कि वो इस तर्ज़ का ब्यान दे कर ये तास्सुर नहीं देना चाहते कि जैसे ये कोई वार्निंग हो।

शाम की सूरत-ए-हाल पर ग़ौर के लिए अरब ममालिक के वुज़राए ख़ारिजा शुमाल अफ़्रीक़ी अरब मुल्क मराक़श में जमा हुए थी। रबात शहर में मुनाक़िदा इस इजलास में शाम के नुमाइंदे ने बतौर-ए-एहतजाज शिरकत नहीं की थी। तर्क वज़ीर-ए-ख़ारजा अहमद दाऊद ओगलो ने सहाफ़ीयों से बातचीत में कहा कि शाम में इजतिमाई क़तल-ए-आम का सिलसिला यूंही नहीं चल सकता वहां की हुकूमत को अवामी मुतालिबात माननी होंगी।

शाम में अरब ममालिक के सिफ़ारतख़ानों के बाहर एहतिजाज का सिलसिला बदस्तूर जारी है। गुज़शता हफ़्ते सऊदी अरब और तुर्की के सिफ़ारतख़ानों को निशाना बनाया गया था अब मुत्तहदा अरब इमारात और मराक़श के सिफ़ारतख़ानों के बाहर एहतिजाज मुज़ाहिरों की इत्तिलाआत हैं।

उधर तहरान में ईरानी क़ियादत ने शाम के मुआमले पर अरब ममालिक को तन्क़ीद का निशाना बनाया हैं। ईरानी वज़ीर-ए-ख़ारजा अली अकबर सालही ने शामी सदर की वकालत करते हुए कहा कि बशार अलासद अवामी मुतालिबात तस्लीम करने का बारहा यक़ीन दिला चुके हैं ताहम अरब लीग के फ़ैसले तमाम ख़ित्ते को ख़तरात से दो-चार कर सकते हैं।

शाम पर दबाओ में इज़ाफ़ा करते हुए योरपी मुलक फ़्रांस ने जहां दमिशक़ से अपने सफ़ीर को बतौर-ए-एहतजाज वापिस बुलवा लिया है वहीं चीन और रूस ने अक़वाम-ए-मुत्तहिदा के सलामती कौंसल में शामी हुकूमत की मुज़म्मत से मुताल्लिक़ एक क़रारदाद वीटो करदी थी। ये दो ममालिक शाम के मुआमले में सलामती कौंसल को मुलव्वस करने के हक़ में नहीं।