फ़्रांस ने कहा कि शाम में अक़वाम-ए-मुत्तहिदा की सरबराही में अमन मंसूबा नाकाम होने की सूरत में सलामती कौंसल को वहां फ़ौजी ताक़त के इस्तेमाल पर ग़ौर करना चाहिए जबकि शाम ने अक़वाम-ए-मुत्तहिदा के एक फ़ौजी मुबस्सिर को इसकी क़ौमीयत की बिना पर अपने मुल्क में तैनात करने की इजाज़त देने से इनकार कर दिया है।
ए एफ़ पी के मुताबिक़ फ़्रांस के वज़ीर-ए-ख़ारजा एलन योप् का कहना है कि शाम की हुकूमत को हमें ललकारने की इजाज़त नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा है कि दो हफ़्तों के अंदर शाम में अक़वाम-ए-मुत्तहिदा के मज़ीद 300 मुबस्सिरीन को तैनात किया जाना चाहिए।
वज़ीर-ए-ख़ारजा फ़्रांस के बाक़ौल हमें दफ़ा 7 की क़रारदाद के साथ आगे बढ़ना चाहिए ताकि वहां जारी अलमीया को रोका जा सके। दफ़ा 7 फ़ौज की मदद से कार्रवाई की इजाज़त होगी। ताहम चीन और रूस की जानिब से अंदेशा है कि वो इस तरह की किसी भी क़रारदाद को वीटो या मुस्तर्द कर देंगे क्योंकि वो इस से पहले शाम पर अक़वाम-ए-मुत्तहिदा की पाबंदीयों की कोशिशों को रोक चुके हैं।
शाम के मसले पर सलामती कौंसल में इख्तेलाफ़ राय है।
मग़रिबी ताक़तें मज़ीद सख़्त इक़्दामात पर ज़ोर दे रही हैं जबकि दमिश्क़ के इत्तेहादी रूस और चीन का ख़्याल है कि कोफ़ी अन्नान का छः नकाती अमन मंसूबा जिस पर शाम की हुकूमत भी रज़ामंद है इस मसले के हल के लिए काफ़ी है।