शाम में सरकारी ख़बररसां एजेंसी का कहना है कि सदर बशारुल असद ने फ़ौजी सर्विस से दूर रहने या फ़ौज छोड़कर भागने वालों के लिए आम माफ़ी का ऐलान किया है।
न्यूज़ एजेंसी का कहना है कि सरकारी हुक्म नामे के मुताबिक़ ये माफ़ी उन लोगों के लिए है जिन्हों ने मुल्क छोड़ दिया है या फिर मुल्क में ही मौजूद हैं ताहम बाग़ीयों के हमराह नहीं हैं।
शाम में इंसानी हुक़ूक़ की पामाली पर नज़र रखने वाली तंज़ीम सीरीयन ऑब्ज़र्वेट्री फ़ॉर ह्यूमन राईट्स का कहना है कि मुल्क में 70000 अफ़राद लाज़िमी फ़ौजी सर्विस से दूर रहे हैं।
मार्च 2011 में शुरू होने वाली मुल्क में लड़ाई के बाइस अब तक 80000 फ़ौजी और हुकूमत हामी जंगजू मारे जा चुके हैं। मुल्क में बाग़ीयों और जिहादीयों से लड़ रही शामी फ़ौज ने लोगों की कमी को पूरा करने के लिए जुलाई में फ़ौज में भरतीयों की मुहिम शुरू की थी।