अक़वाम-ए-मुत्तहिदा के आला ओहदेदार ने कहा कि शाम में ज़ाइद अज़ 70 लाख मुसलमान कसमपुर्सी का शिकार हैं। उन्हें इंसानियत परस्ती इमदाद की सख़्त ज़रूरी है। शाम में जारी लड़ाई ने लाखों मुस्लमानों को बेघर कर दिया है और लाखों शहरी अपने मुल्क से दूर दीगर मुल्कों के पनाह गज़ीन कैम्पों में मुक़ीम हैं। इस साल इन 70 लाख अफ़राद को फ़िलफ़ौर 4.4 बिलीयन डॉलर्स इमदाद की ज़रूरत है।
अक़वाम-ए-मुत्तहिदा एमरजेंसी रिलीफ़ कोआर्डीनेटर वीलरे अमोस ने कहा कि इन शहरियों की इमदाद के साथ पनाहगज़ीं कैम्पों में मुक़ीम 2 मिलियन अफ़राद को राहत पहूँचाना और बेघर होने वाले 40 लाख शहरियों को आसरा देना ज़रूरी है। हम उन की इमदाद के लिए हर मुम्किना कोशिश कर रहे हैं, लेकिन ये नाकाफ़ी है। कुवैत सिटी में मुनाक़िदा कान्फ़्रैंस में ख़िताब करते हुए उन्हों ने कहा कि में आप को बताना चाहती हूँ कि शाम के अवाम की मदद करने के लिए अक़वाम-ए-मुत्तहिदा की एजेंसियों के 1000 अमले के अरकान काम कर रहे हैं।
इंसानियत के लिए पहुंचाए जाने वाली इमदाद के लिए दस्तयाब फंड्स में इज़ाफ़े की ज़रूरत है। शाम के लिए हम तो 4.4 बिलीयन अमरीकी डॉलर्स 3.3 बिलीयन यूरो की फ़िलफ़ौर इजराई पर ज़ोर देते हुए उन्होंने कहा कि हमने अब तक सिर्फ़ 1.84 बिलीयन डॉलर्स रक़म इकट्ठा की है। हमारे सामने सब से बड़ा चैलेंज शाम की जरूरतों को पूरा करने के लिए माली इंतिज़ाम करना है। यहां फंड्स का संगीन बोहरान है।
न्यूयार्क में तक़रीर करते हुए अक़वाम-ए-मुत्तहिदा सेक्रेटरी जनरल बांकी मून ने कहा कि अक़वाम-ए-मुत्तहिदा, सेक्यूरिटी कौंसल की क़रारदाद जो अमरीका, रूस मुआहिदा को मंज़ूरी देने के लिए है, शाम के कीमीयाई हथियारों को पूरी शिद्दत से ख़त्म करदेने के लिए है। अक़वाम-ए-मुत्तहिदा के चार्टर के 7 वीं चार्टर के तहत ये कार्रवाई सब से ज़्यादा मूसिर होगी। इस दौरान शाम की बशारालासद हुकूमत ने कहा कि 21 अगस्त को दमिशक़ के मुज़ाफ़ात पर कीमीयाई हमलों के पीछे बाग़ियों का हाथ होने के सबूत मिले हैं। रूस के नायब वज़ीर-ए-ख़ारिजा सरीगो ने दमिशक़ में हुकूमत से मुज़ाकेरात के बाद ये बात बताई।
सरिगो ने रूस की न्यूज़ एजेंसी से कहा कि शाम के वज़ीर-ए-ख़ारिजा वलीद अलमालम से कल मुलाक़ात के बाद ये सबूत सामने आया है कि कीमीयाई हमलों के पीछे बाग़ीयों का हाथ है। रूस इस मवाद का जायज़ा लेगा और इस के बाद पूरी संजीदगी से बाग़ियों की कार्यवाईयों पर नज़र रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि रूस को इस बात का शुबा था कि इस जंग में मग़रिबी अफ़्वाज की मुदाख़िलत का बहाना तैयार करने के लिए बाग़ियों ने इश्तिआल अंगेज़ कार्रवाई करते हुए कीमीयाई हमले किए थे। रूस को अक़वाम-ए-मुत्तहिदा की इस रिपोर्ट से मायूसी हुई है जो इस हफ़्ता शाये हुई थी, जिस में कहा गया था कि ये कीमीयाई हथियारों के हमले क़सदन करवाए गए थे। उन्होंने कहा कि इस सिलसिले में जब तक वाज़िह तस्वीर सामने नहीं आती, हम इस बारे में कुछ कह नहीं सकते।