शाम: शमी फौज़ शुमाली हलब के काफी नज़दीक

शाम में बशारुल असद की वफ़ादार अफ़्वाज रूसी फ़िज़ाईया की हिफ़ाज़त तले तुर्की की सरहद से मुल्हिक़ा क़स्बे की तरफ़ पेशक़दमी में मसरूफ़ हैं जहां पर बाग़ीयों ने एक मज़बूत गढ़ बना रखा है।

शाम में हालात और वाक़ियात पर नज़र रखने वाले मॉनीटर ग्रुप शामी ऑब्ज़र्वेट्री बराए इन्सानी हुक़ूक़ के मुताबिक़ तिल रिफ़अत का क़स्बा तुर्क बॉर्डर से करीब 20 किलोमीटर की दूरी पर वाक़े है और ये वही सरहद है जहां पर हलब की लड़ाई से फ़रार होने वाले दसियों हज़ारों शामी शहरी पनाह की तलाश में फ़रार हो रहे हैं।

ऑब्ज़र्वेट्री के मुताबिक़ ये क़स्बा हलब में बाग़ीयों के पास मौजूद मज़बूत इलाक़ों में से एक है और सरकारी अफ़्वाज इस से सिर्फ सात किलोमीटर की दूरी पर हैं।

ऑब्ज़र्वेट्री के सरब्राह रामी अबदुर्रहमान का कहना है कि हुकूमती अफ़्वाज तुर्की की सरहद के साथ अपना असर और रसूख़ बढ़ाना चाहती हैं ताकि बाग़ीयों और उनके असलहा को शाम में दाख़िल होने से रोकें।