ईरान, रूस, चीन और शाम (सीरिया) के 90 हज़ार फ़ौजी शाम (सीरिया) की सरज़मीन पर एक महीने की मुद्दत के अंदर मुशतर्का फ़ौजी मश्क़ें (अभ्यास) करने जा रहे हैं। इस अमर का इन्किशाफ़ ईरानी पासदार इन इन्क़िलाब की मुक़र्रब (बहुत ही खाश) ख़बररसां एजैंसी फ़ारस ने किया है। ज़राए (सूत्रों) के हवाले से अपनी ख़बर में फ़ारस ने इन मुजव्वज़ा (निर्धारित) मश्क़ों (अभ्यास) को मशरिक़-ए-वुसता (मध्य पूर्व ) की सब से बड़ी फ़ौजी मश्क़ें (अभ्यास) क़रार दिया है। ख़बर में दावे किया गया है कि मश्क़ों (अभ्यास) का आग़ाज़ शामी सरज़मीन से हुकूमत मुख़ालिफ़ एहितजाजी कारकुनों के मुकम्मल सफाए के बाद किया जाएगा। ईरानी ख़बररसां इदारे के मुताबिक़ सरकारी तौर पर इस ख़बर की तसदीक़ नहीं की गई है ताहम एक शामी ज़राए ने अपनी शनाख़्त (पहचान) ज़ाहिर ना करने की शर्त पर दो हफ़्ते क़ब्ल बताया था कि शामी सरज़मीन पर मुशतर्का जंगी मश्क़ें (अभ्यास) की जाएंगी जिन में ईरान, रूस, चीन और शामी फ़ौजें शिरकत करेंगी। फ़ारस के मुताबिक़ इन मश्क़ों (अभ्यास) में बरी, बहरी(जल), फ़िज़ाई (वायू), एयर डीफ़ैंस और मिज़ाईल यूनिट्स शिरकत करेंगे। चीन ने मिस्र से उन मश्क़ों (अभ्यास) में शिरकत की ख़ातिर अपने 12 जहाज़ों के नहर सोयुज़ से गुज़रने की इजाज़त हासिल कर ली है। इस के साथ साथ रूसी आबदोज़ें और जहाज़ बर्दार बहरी बेड़ा भी शाम (सीरिया) की समुंद्री हदूद में दाख़िल हो जाएगा। फ़ारस न्यूज़ एजैंसी इन मश्क़ों (अभ्यास) में शाम (सीरिया) के ज़मीन से फ़िज़ा और ज़मीन से बहरी हदूद में वार करने वाले मिज़ाईल यूनिट्स शिरकत करेंगे। मश्क़ों (अभ्यास) में 90 हज़ार फ़ौजी, 400 जहाज़ और 1000 टैंक और चारों मुल्कों के मिज़ाईल यूनिटों से सैंकड़ों मिज़ाईल भी शामिल होंगे।