शारजा मैदान पर 9 बरस बाद क्रिकेट सरगर्मीयां बहाल

शारजा 3 नवंबर (ए एफ़ पी) कई बरस तक शारजा में बैन-उल-अक़वामी करकटमातल रहने के बाद जुमेरात से ये ग्रांऊड पाकिस्तान और श्रीलंका के दरमयान तीसरे टेसट की मेज़बानी कर रहा है। इस तरह उस की रौनक़ें बहाल होजाएंगी। शारजा वनडे के कई सनसनीखेज़ मुक़ाबलों की मेज़बानी करचुका है।

जावेद मीयांदाद का तारीख़ साज़ छक्का हो, वसीम अकरम या मुरलीधरन की हैट ट्रक, सचिन तनडोलकर और सुनील गवासकर की बैटिंग समेत इस ग्रांऊड में कई अज़ीम खिलाड़ी अपनी कारकर्दगी से शहि सुर्ख़ीयों में जगह बना चुके हैं। शारजा स्टेडीयम ने 200 वनडे मुक़ाबलों की मेज़बानी करके गिनीज़ बुक आफ़ दी वर्ल्ड रिकार्ड में जगह बना ली है। 9 बरस बाद इस ग्रांऊड में बैन-उल-अक़वामी क्रिकेट की सरगर्मीयां बहाल होरही हैं।

शारजा स्टेडीयम अरब पत्ती ताजिर अबदुर्रहमान बख़ातिर की मिल्कियत है। इन के बेटे और शारजा स्टेडीयम के नायब चेयरमैन वलीद बख़ातिर का कहना है कि हम ने शारजा स्टेडीयम को नई शक्ल दे दी है। ग्रांऊड मैं तमाशाइयों के लिए सहूलतों में इज़ाफ़ा किया गया है। 27हज़ार तमाशाइयों वाले स्टेडीयम मैं सीरीज़ का एक वनडे मैच भी खेले जाएगा।