मंगल रात रेशमी शहर जगमगा उठा था। रंग-बिरंगे बल्बों के दरमियान शहर में अखाड़े शुरू हुआ और देर रात तक पहलाम के लिए अखाड़ा मेन रास्ते होते हुए शाहजंगी करबला मैदान पहुंचते रहे।
अखाड़ा में शामिल लोग रिवायती असलाह से करतब दिखा रहे थे. हबीबपुर, चमेलीचक, शाहजंगी, तातारपुर, नाथनगर, खंजरपुर, मुस्तफापुर, बरारी, फतेहपुर, भीखनुपर, बरहपुरा, हुसैनाबाद, मुल्लाचक शरीफ, लोदीपुर, मोजाहिदपुर, शहबाज नगर, जर्रापट्टी लेन, जोगसर, जब्बारचक, नरगाह वगैरह मोहल्लों से अखाड़ा निकाला गया था।
इससे पहले दोपहर 2.35 बजे कोतवाली इमामबाड़ा से ताजिया का जुलूस निकाला गया। इसमें शहर के अलावा दूसरे रियासत के पैकर भी शामिल थे। आम लोग भी ताजिया में साथ दिया व नेक मुरादों की दुआ मांगी। ताजिया तातारपुर चौक, मुसलिम हाई स्कूल समपार, मोहिद्दीनपुर व रेसालाबाग होते हुए शाहजंगी करबला पहुंचा, जहां पैकर और आम अकिदतमंदों ने फातिहा ख्वानी कराने के बाद रिवायती तरीके से पहलाम किया। शाहजंगी पीर बाबा के मजार-ए-शरीफ की जियारत भी की। पैकर के लिए जगह-जगह लोगों के तरफ से पानी व शरबत का खास इंतजाम किया गया था। पहलाम के दौरान शाम 3.45 बजे शाहजंगी का कुछ अलग ही नजारा था। हजारों लोगों की भीड़ व पैकरों का झुंड और साथ में कोतवाली, मुल्लाचक शरीफ, पंखा टोली, दाऊदचक, लोदीपुर वगैरह जगहों का ताजिया करबला की तरफ चला आ रहा था। कोई ताजिया पर गुलाब जल छिड़क रहा था तो कोई उसकी जियारत करने के लिए बेताब था।
ताजिया जुलूस शाम करीब चार बजे तक करबला पहुंचा। उसके बाद वहां लोगों ने जियारत कर दुआएं मांगी। पहलाम को लेकर सेक्युर्टी के तौसिह इंतजाम किये गये थे। शाहजंगी मैला मैदान से लेकर तातारपुर चौक तक पुलिस के जवान तैनात थे।
मेला में बच्चों का हुजूम देखते ही बन रहा था। तरह -तरह के गुब्बारे लिए बच्चे माहौल में चार चांद लगा रहे थे। बच्चे घोड़ा झूला, मोटर साइकिल झूला, मारुति झूले का जम कर मजा ले रहे थे। तारामाछी और नाव झूला पर झूलने वालों की भीड़ लगी थी। कुछ लोग तो अपनी बूढ़ी मां को भी मेला दिखाने शाहजंगी लाये हुए थे। मेला में शाही कचौड़ी, दही कचौड़ी, पापड़ी चाट, ग्रीन चाट, दही बाड़ा वगैरह की कई दुकानें सजी हुई थी। यहां मेला देखने के लिए भागलपुर के अलावा झारखंड के सरहदी जिला से भी लोग आये हुए थे।