हिंदूस्तान में तंबाकू नोशी की मुख़ालिफ़त ( विरोध) करने वाली अहम तंज़ीम NOTE ने सुपर स्टार शाहरुख ख़ान के ज़िद्दी रवैये पर तशवीश ( सोंच/चिंता) का इज़हार (ब्यान) किया क्योंकि ऐसा कई बार हुआ है कि आम मुक़ामात पर सिगरेट नोशी के इम्तिना (रोक/प्रतिबंध) के क़ानून के बावजूद शाहरुख ने सिगरेट नोशी करते हुए क़ानून को पामाल किया है।
जनरल सेक्रेटरी नैशनल आर्गेनाईज़ेशन फ़ार टोबैको अर एडुकेशन (national organisation for tobacco eradication note) मिस्टर शेखर सालकर ने कहा कि शाहरुख की ज़िदान की समझ में नहीं आती। वो बार बार क़ानून का मज़ाक़ क्यों उड़ाते हैं!
आख़िर उन्हें आम मुक़ामात पर सिगरेट नोशी की क्या ज़रूरत है, जहां करोड़ों अवाम उन्हें क़ानून की धज्जियां उड़ाते देखते हैं।अब आप बताईये कि ऐसे ऐक्टर (कलाकार/अभिनेता) का एहतिराम (सम्मान) अवाम ( जनता) क्यों करेंगे जिसे क़ानून का एहतिराम ( सम्मान/ इज़्ज़त) करना नहीं आता।
शाहरुख अगर चाहें तो ख़लवत (एकांत/ जहां कोई न हो) में सिगरेट नोशी कर सकते हैं लेकिन वो ऐसा नहीं करते।