शाहीन तालीमी इदाराजात बीदर,राज्योत्सव एवार्ड के लिए मुंतख़ब

गुज़िश्ता 24 साल से उर्दू ज़रीए तालीम से ख़िदमत अंजाम देने वाला बीदर का शाहीन तालीमी इदारा रियासत कर्नाटक के बावक़ार राज्योत्सव एवार्ड के लिए मुंतख़ब कर लिया गया है। ये एवार्ड एक लाख रुपये, तिलाई तमग़ा (20 ग्राम वज़न) और तौसीफ़ी सनद पर मुश्तमिल है जो यौमे तासीस कर्नाटक के मौक़ा पर 1 नवंबर को रविन्द्र कला शीतर , जे सी रोड बैंगलोर में वज़ीरे आला कर्नाटक सिद्द रमैया के हाथों दिया गया।

मुख़्तलिफ़ मैदानों से वाबस्ता अफ़राद और अंजुमनों की जानिब से 3500 से ज़ाइद दरख़्वास्तें आई थीं जिन में से सिर्फ़ 58 अफ़राद और अंजुमनों, इदारों को ये एवार्ड अता किया गया।

जिन में बीदर का शाहीन तालीमी इदारा भी है। 1989 से किराया की इमारत में शुरू होने वाला शाहीन तालीमी इदारा आज अपनी ज़ाती 90 हज़ार मुरब्बा फ़िट ज़मीन पर दो इमारतों (सह मंज़िला और 5 मंज़िला) की शक्ल में मौजूद है। 400 तदरीसी और ग़ैर तदरीसी स्टाफ़ रखने वाला ये इदारा एल के जी से बी एस सी, बी ए तक की तालीम दिया करता है।

जिस में 8000 तलबा ज़ेरे तालीम हैं। मुल्क की 12 रियासतों से 900 तलबा क़ियाम व ताअम के सहूलतों के साथ तालीम हासिल कर रहे हैं।

NRIs तलबा भी ज़ेरे तालीम हैं। पंजुम जमात से ही हॉस्टल की सहूलत मौजूद है। शाहीन इदाराजात बीदर की तरक़्क़ी वो तरवीज में जिन अफ़राद का हाथ है उन में सरपरस्त एदारा अब्दुल अज़ीज़ मरहूम, अब्दुल क़दीर सकरेड़ी , अब्दुल मन्नान सेठ सदर , ग़ुलाम नबी इनामदार और महर सुल्ताना शामिल हैं।

जनाब अब्दुल क़दीर सकरेड़ी शाहीन इदाराजात बीदर ने प्रेस को बताया कि तालीमी इदारे के क़ियाम से कमाना ,फ़ायदा उठाना पेशे नज़र कभी भी नहीं रहा। नेक नीयति से काम किया गया जिस में बरकत रही। वाज़ेह रहे कि शाहीन तालीमी इदाराजात बीदर की दीगर शाख़ें हम्नाबाद और गुलबर्गा में भी क़ायम हैं।