नई दिल्ली, 23 जनवरी (पी टी आई) वज़ीर ए ख़ारेजा सलमान ख़ूर्शीद ने आज मर्कज़ी वज़ीर दाख़िला सुशील कुमार शिंदे के हिंदू दहशतगर्दी पर उनके बयान को मुकम्मल तौर पर हक़ायक़ पर मबनी क़रार देते हुए सुराग़ रसानी महकमों की फ़राहम करदा इत्तिलाआत की बुनियाद पर ये बयान दिया गया है।
ताहम उन्होंने कहा कि दहशतगर्दी का कोई मज़हब या रंग नहीं होता। उन्होंने कहा कि मैं इस बारे में वाज़िह कर देना चाहता हूँ कि हमारा मालना मौक़िफ़ मौजूदा और साबिक़ा वुज़राए दाख़िला के मौक़िफ़ से हम आहंग है। ये बयान सुराग़ रसानी महकमों की हुकूमत को फ़राहम करदा इत्तिलाआत पर मबनी है।
शिंदे की बरतरफ़ी के बी जे पी की जानिब से मुतालिबा की परवाह किए बगैर सलमान ख़ूर्शीद ने कहा कि ये सिर्फ़ तवज्जा हटाने और पहले से तए शूदा सिम्त में राय आम्मा को मोड़ने की कोशिश है जो बाअज़ लोग वाज़िह तौर पर कर रहे हैं। इन तमाम बयानात का यही पस-ए-मंज़र है।
क़बल अज़ीं शिंदे ने बी जे पी और आर एस एस के ज़ेर एहतिमाम दहशतगर्द तरबियती कैंपस में हिंदू दहशतगर्दी के फ़रोग़ का ऐलान करते हुए तनाज़ा पैदा कर दिया है। शिंदे का दिफ़ा करते हुए ख़ूर्शीद ने कहा कि हमें बेहतर रुजहानात का जायज़ा लेना चाहीए कि क्या किया जाना चाहीए और किसी वक़्त क्या कहा जाना चाहीए ।
उन्होंने कहा कि बुनियादी फ़हम यही है कि ऐसे अनासिर मौजूद हैं जो किसी ना किसी आड़ में पोशीदा हो जाना और इल्ज़ामात की आड़ में ख़ुद को पोशीदा करना चाहते हैं। इन ग्रुप्स के ख़िलाफ़ नफ़रतअंगेज़ और गैर समाजी सरगर्मियों के जारी रखने पर इल्ज़ामात भी जारी रहेंगे ।
ख़ूर्शीद ने तशद्दुद की किसी भी नौवियत के प्रोपगंडा को किसी भी किस्म के इंतेहापसंदों की जानिब से बला लिहाज़ इलाक़ा हिंदूस्तान के लिए ख़तरनाक क़रार दिया। उन्होंने कहा कि दहशतगर्दी का कोई मज़हब नहीं होता। हम वाज़िह तौर पर ये कह चुके हैं दहशतगर्दी को किसी रंग से भी मरबूत नहीं करना चाहीए।
ये दहशतगर्दी ही है जिसके ख़िलाफ़ हमें जंग करना है।दहशतगर्दी का निशाना हिंदूस्तान है और हम इसी के ख़िलाफ़ जंग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें किसी भी तन्क़ीद की वजह से अपनी तवज्जा अपने इरादे , अपनी वाबस्तगी और अपने पुख़्ता इरादा से नहीं हटाना चाहीए ।
हमारे मक़ासिद ही हमारे लिए अहमियत रखते हैं। मर्कज़ी वज़ीर वी नारायण स्वामी ने आज कहा कि दहशतगर्दी अपनी किसी भी शक्ल में काबिल-ए-मुज़म्मत है और मर्कज़ी वज़ीर दाख़िला सुशील कुमार शिंदे से हिंदू दहशतगर्दी के बारे में उन के तब्सिरे की बिना पर इस्तीफ़ा के मुतालिबात गैर ज़रूरी हैं।
उन्होंने कहा कि शिंदे ने जो कुछ कहा है वो मालेगावं और मक्का मस्जिद बम धमाकों के सिलसिला में पहले ही अख़बारात में शाय हो चुका है। एक मख़सूस तबक़े के चंद अफ़राद इन में मुलव्वस थे। दफ़्तर वज़ीर-ए-आज़म के वज़ीर ममलकत ए रिपोर्ट पर प्रेस कान्फ्रेंस से ख़िताब कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि चंद दहशतगर्द तरबियती कैंपस का पता लगाया जा चुका है जहां चंद हिंदू बुनियाद पसंद ज़ेर ए तरबियत थे, मुक़द्दमा जारी है। वज़ीर ए दाख़िला ने वाक़ियात ही बयान किए हैं। उन्होंने कहा कि मुल्क के कई इलाक़ों में दहशतगर्दी मौजूद है जो भी इस में मुलव्वस हो क़ाबिल-ए-मुज़म्मत है।
चाहे हिंदू दहश्तगर्दी होया मुस्लिम दहशतगर्दी। यू पी ए हुकूमत दोनों की मुज़म्मत करती है। पटना से मौसूला इत्तिला के बमूजब सुशील कुमार शिंदे के तब्सिरे को गैर ज़िम्मा दाराना और बे बुनियाद क़रार देते हुए बी जे पी क़ाइद सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि इससे सिर्फ़ पाकिस्तान और दहशतगर्द ग्रुप्स के जो सरहद पार से हमारे मुल्क में कार्यवाहीयां कर रहे हैं, हाथ मज़बूत हुए हैं।
उन्होंने कांग्रेस की चोटी कान्फ्रेंस में आला सतही क़ाइदीन की मौजूदगी में ऐसा तब्सिरा किए जाने पर इज़हार-ए-अफ़सोस करते हुए इस का सुबूत फ़राहम करने का मुतालिबा किया। ईस्लामाबाद से मौसूला इत्तिला के बमूजब पाकिस्तान ने मर्कज़ी वज़ीर ए दाख़िला सुशील कुमार शिंदे के बी जे पी और आर एस एस दहशतगर्द तरबियती कैंपस चलाने के इल्ज़ामात को हिंदूस्तान का दाख़िली मुआमला क़रार दिया।
रोज़नामा दी न्यूज़ में दफ़्तार ए ख़ारेजा पाकिस्तान के तर्जुमान मुअज़्ज़म ख़ान ने कहा कि ये हिंदूस्तान का दाख़िली मुआमला है। उन्होंने कहा कि पहले भी और अब भी पाकिस्तान का मौक़िफ़ बिलकुल वाज़िह है। हम अपने मुतालिबा का इआदा करते हैं। हम समझौता एक्सप्रेस वाक़िया की तहकीकात के ख़ाहां हैं जिनमें बेक़सूर पाकिस्तानी हलाक किए गए थे।
हम तहकीकात से हासिल होने वाली मालूमात पाकिस्तान को फ़राहम करने का भी मुतालिबा करते हैं और ख़ाहिश करते हैं कि जो भी ख़ाती साबित हो इसे मुल्क के क़वानीन के मुताबिक़ सज़ा दी जानी चाहीए ।