प्रथ, १6 जनवरी ( पी टी आई ) हिंदूस्तानी कप्तान धोनी ने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ टीम इंडिया के इंतिहाई नाक़िस और शर्मनाक मुज़ाहरा की ज़िम्मेदारी ख़ुद ली है और कहा कि बहैसियत कप्तान वही मुल्ज़िम हैं। धोनी ने मैच के बाद प्रेस कान्फ़्रैंस से ख़िताब करते हुए कहा कि वो ख़ुद को ज़िम्मेदार क़रार देते हैं की वो टीम के कप्तान हैं।
यक़ीनी तौर पर वही मुल्ज़िम हैं और अपने आप ही को ज़िम्मेदार क़रार दे रहे हैं। धोनी ने सीनीयर बल्लेबाज़ों की शमूलीयत की मुदाफ़अत की जिन पर ऑस्ट्रेलिया में शिकस्तों की वजह से मुसलसल दबाव में इज़ाफ़ा हो रहा है । इस सवाल पर कि आया सीनीयर खिलाड़ियों को मरहला वार अंदाज़ में टीम से दूर हो जाना चाहीए धोनी ने कहा कि एसा सिर्फ़ सीरीज़ के इख़तेताम के बाद होना चाहीए ।
उन्हों ने कहा कि हमें ये देखना होगा कि सीनीयर खिलाड़ी क्या सोचते हैं। ये एसा फैसला है जो काफ़ी ग़ौर-ओ-ख़ौज़ के बाद किया जाना चाहीए । उन खिलाड़ियों में ज़बरदस्त तजुर्बा है जिसे वो नौजवानों के साथ बांट सकते हैं। उन्हों ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में शिकस्त का असल वजह यही है कि टीम के खिलाड़ी मुस्तक़िल मिज़ाजी के साथ अच्छे स्कोर करने में कामयाब नहीं हो सके हैं।
उन्हों ने कहा कि अगर इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में शिकस्तों का जायज़ा लिया जाय तो वाज़िह हो जाएगा कि हम ने अच्छे स्कोर नहीं किए हैं और इस ताल्लुक़ से हमें चौकस रहना चाहीए । हमें अपने बौलर्स को अच्छा स्कोर फ़राहम करना चाहीए ताकि वो मुख़ालिफ़ बल्लेबाज़ों को आउट कर सकें। उन्हों ने कहा कि टेस्ट क्रिकेट में एक या दो ख़राब इनिंग्ज़ होती हैं लेकिन बहैसियत मजमूई सात टेस्ट मैच्स अब तक खरा ब्रह्य हैं और ये एक तवील नाक़िस मुज़ाहरा है जिस में बैटिंग लाएँ अप नाकाम हुई है ।
उन्हों ने कहा कि इन के ख़्याल में ये हिंदूस्तानी क्रिकेट का सब से ख़राब मरहला है और इस के लिए बल्लेबाज़ ही ज़िम्मेदार हैं। उन्हों ने कहा कि जितनी क्रिकेट उन्हों ने देखी है इस में ये सब से ख़राब मरहला है । हम मुस्तक़िल मिज़ाजी से अच्छा मुज़ाहरा नहीं कर रहे हैं। हम ने अच्छे स्कोर नहीं किए हैं। बौलिंग उन के ख़्याल में ज़ख़मों की वजह से मुतास्सिर रही है ।
इस शोबा में भी टीम ने इस्तेक़लाल से मुज़ाहरा नहीं किया है । साबिक़ खिलाड़ियों की जानिब से कुछ से नर क्रिकेटर्स को ड्राप कर देने के मुतालिब पर धोनी ने कहा कि इस तरह का फैसला खिलाड़ियों को ख़ुद बी सी सी आई के साथ मिल बैठ कर करना चाहीए । उन्हों ने कहा कि बड़े खिलाड़ियों को ड्राप कर देना सिर्फ़ वक़्ती नहीं होगा ।
ये एक तवील अमल होगा और इस पर उन्होंने ग़ौर नहीं किया है । हर एक को इस का हिस्सा होना चाहीए । खिलाड़ियों और बी सी सी आई को ग़ौर करना चाहीए । ये बात दरुस्त फैसले करने की है । लोग चाहते थे कि विराट कोहली को ड्राप कर दिया जाय लेकिन इस टेस्ट में उन्होंने अच्छा मुज़ाहरा किया है ।
उन्हों ने कहा कि हो सकता है कि सीरीज़ के इख़तेताम के बाद सीनीयर खिलाड़ियों के मुस्तक़बिल पर कोई फैसला किया जाय । साथ ही सीनीयर्स के एहसासात को भी देखना होगा। ये सोचना शदीद दबाव का काम है कि सीनीयर्स से किस तरह छुटकारा हासिल किया जा सके । वो कह चुके हैं कि ये एसा फैसला है जो काफ़ी एहतियात से किया जाना चाहीए की उनका उन्हों ने मुल़्क की ख़िदमत अंजाम दी है और उन का तजुर्बा है जो वो नौजवानों के साथ बांटा जा सकता है ।
उन्हों ने ताहम तमाम ही सीनीयर खिलाड़ियों को मरहला वार अंदाज़ में निकाल बाहर करने की हिमायत नहीं की और कहा कि टीम को उन की ज़रूरत है । इस मुआमला में एहतियात से काम लिया जाना चाहीए । नौजवानों को मौक़ा मिलना चाहीए लेकिन आप को सीनीयर्स का तजुर्बा भी दरकार होता है ।