शिख्शा विभाग‌ का माइनारीटीज स्टुडंटों के साथ दुशमनों जैसा रवैया

* जगत्याल में उर्दू मीडियम किताबें देने में ताख़ीर
जगत्याल (सियासत न्यूज़) सरकारी मद्रेसों में पढ रहे विधार्थीयों को ऐम आर सी की तरफ‌ से दि जाने वाली मालूमाती किताबें इस साल भी उर्दू मीडियम के साथ इमतियाज़ी सुलूक किया जा रहा है।

तेल्गु मीडियम कि निसाबी किताबें पहलि कलास से पांचवी कलास तक कि मुकम्मल आगई हैं जबकि दुसरी जमातों की आधि किताबें आगई हैं।

जगत्याल मंडल में उर्दू मीडियम मद्रेसों में कुल‌ 12 हैं जबकि तेल्गु मीडियम के 101 हैं। 58 हज़ार से जयादा किताबों की ज़रूरत है जिस में 27 हज़ार किताबें ही दि गइ हैं। कौनसे मद्रेसे को कितनी किताबें तक़सीम करें ओहदेदारों की समझ से बाहर है। बाकि मज़ामीन की किताबें अंदरून 5 जून दि जाएं तो जल्द से जल्द तक़सीम के लिए टिचर‌ मुंतज़िर हैं।

आइ हुइ किताबों को दो दिन में टिचरों के हवाले कर दिया जाएगा। उर्दू मीडियम मद्रेसों कि किताबों के बारे में एम ई ओ जगत्याल से पुछ्ने पर लाइलमी का इज़हार किया।

डी ई ओ करीमनगर से दरयाफ़त करने पर डी ई ओ ने बताया कि अभी तक किताबें नहीं आई हैं। एकेड्मिक साल के शुरु से पहले हो सकता है दि जाएंगी। आख़िर उर्दू मीडियम के साथ इस तरह का इम्तेयाज़ी सुलूक क्यों? हर साल किताबें ताख़ीर से क्यों दी जा रही हैं? सरकारी मद्रेसों में स्टुडंटों को दि जाने वाले यूनीफार्म का भी यही हाल है।

मुस्लिम कौम‌ के मुताबिक़ यूनीफार्म देने केलिए पिछ्ले साल हुकूमत से मुख़्तलिफ़ समाजी तंज़ीमों और दुसरों की तरफ‌ से नुमाइंदगीयाँ की गई थीं इस साल किस तरह के यूनीफार्म मुस्लिम तलबा को दिये जाएंगे।