असरा अलग़मग़ाम का संबंध शीया समुदाय से है और वह एक प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता हैं जो 2011 में सऊदी अरब के पूर्वी प्रांतों में व्यापक स्तर पर होने वाले प्रदर्शनों के हवाले से दस्जावेज़ तैयार कर रही थीं, उन्हें दिसम्बर 2015 में उनके पति के साथ उनके घर से गिरफ़्तार किया गया था। असरा अलग़मग़ाम और उनके पति 2015 से अब तक जेल में हैं।
ईरानी न्यायपालिका की सर्वोच्च मानवाधिकार परिषद ने अपने बयान में कहा है कि यदि यह माना जाए कि आतंकवादियों के विरुद्ध कार्यवाही की जाए तो सऊदी अधिकारी पहले दर्जे के अपराधी क़रार पाएंगे क्योंकि वह क्षेत्र के लाखों निर्दोष नागरिकों के जनसंहार के ज़िम्मेदार हैं।
ईरानी न्यायपालिका की सर्वोच्च मानवाधिकार परिषद के बयान में आतंकवादी गुट अलक़ायदा, दाइश और क्रांति के दुश्मन एमकेओ और क्षेत्र में सक्रिय अन्य आतंकवादी गुटों के लिए सऊदी अरब के वित्तीय और सामरिक समर्थन का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि सऊदी सरकार के कारनामे में बड़े पैमाने पर अपराधिक कार्यवाही शामिल हैं जिनमें दो दिन पहले यमन के अलहुदैदा प्रांत में यमनी नागरिकों की गाड़ियों पर सऊदी अरब के ताज़ा हमले की ओर संकेत किया जा सकता है जिसमें 27 बच्चे और 4 महिलाएं मारी गयीं।
ईरानी न्यायपालिका की सर्वोच्च मानवाधिकार परिषद ने इसी प्रकार सऊदी अरब के पूर्वी क्षेत्र क़तीफ़ की अत्याचार ग्रस्त जनता और सऊदी अरब के दूसरे सत्यप्रेमियों पर खुल्लम खुल्ला अत्याचार के परिणाम की ओर से सचेत करते हुए अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं विशेषकर संयुक्त राष्ट्र संघ और उसकी मानवाधिकार परिषद से मांग की है कि वह इस मामले का गंभीरता के साथ नोटिस ले।
बयान में कहा गया है कि निसंदेह अमरीका और कुछ यूरोपीय देश, सऊदी अरब के अत्याचारग्रस्त नागरिकों और इसी प्रकार क्षेत्र विशेषकर यमन की अत्याचार ग्रस्त जनता पर आले सऊद शासन के अत्याचारों में बराबर के भागीदार हैं और उन्हें इसका जवाब देना होगा।