उत्तर प्रदेश में शिया सुन्नी वक्फ बोर्ड कई सालों से आरोपों से गुज़र रही है| लगातार उस पर भ्रष्टाचार का आरोप लग रहा है| लेकिन अब इस परेशानी का हल यूपी सरकार ने निकाल लिया है| उत्तर प्रदेश सरकार ने संकेत दे दिया है कि वह एक ‘मुस्लिम वक्फ बोर्ड’ के गठन पर विचार कर रही है| इसके लिये शासन से प्रस्ताव मांगा गया है|
प्रदेश वक्फ बोर्ड के राज्यमंत्री मोहसिन रज़ा ने बताया कि शिया सुन्नी वक्फ़ बोर्ड को लेकर उनके पास अनेक सुझाव हैं| उसमें से ये भी है कि वह इस बोर्ड का विलय कर के एक नए बोर्ड का गठन करें| उन्होंने कहा “उत्तर प्रदेश और बिहार को छोड़कर बाकी 28 राज्यों में सिर्फ एक-एक वक्फ बोर्ड है| वक्फ एक्ट-1995 भी यही कहता है कि अलग-अलग शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड गठित करने के लिये कुल वक्फ इकाइयों में किसी एक तबके की कम से कम 15 प्रतिशत हिस्सेदारी होना अनिवार्य है|
मोहसिन रज़ा ने कहा कि इस वक़्त सुन्नी वक्फ बोर्ड के पास एक लाख 24 हजार वक्फ इकाइयां हैं जबकि शिया वक्फ बोर्ड के पास पांच हजार से ज्यादा इकाइयां नही हैं, जो महज चार प्रतिशत ही हैं| अगर कानून के तहत देखा जाये तो पहले से ही गलत चल रहा है| रजा ने कहा कि सुन्नी और शिया मुस्लिम वक्फ बोर्ड के विलय के सुझाव को गम्भीरता से लेते हुए सरकार ने इस बारे में शासन से प्रस्ताव मांगा है|
इसके विलय के बाद उस पर विचार विमर्श कर के ‘उत्तर प्रदेश मुस्लिम वक्फ बोर्ड’ बना दिया जाएगा| एक संयुक्त बोर्ड बनने के बाद उसमें वक्फ सम्पत्तियों के प्रतिशत के हिसाब से शिया और सुन्नी सदस्य नामित कर दिये जाएंगे| उसी में से किसी एक को अध्यक्ष बना दिया जायेगा|
शरीफ़ उल्लाह