शिवपाल, उनकी पत्नी और बेटे ने दिया इस्तीफा, 30 MLA आए उनके समर्थन में, रात भर आवास पर होती रही नारेबाजी

शिवपाल, उनकी पत्नी और बेटे ने दिया इस्तीफा, 30 MLA आए उनके समर्थन में , ,रात भर आवास पर होती रही नारेबाजी

लखनऊ। समाजवादी पार्टी में टूट की नौबत आ गई है। बड़े भाई मुलायम सिंह के समझने के बावजूद छोटे भाई शिवपाल यादव, उनकी पत्नी और बेटे ने रात को पार्टी और सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। उनके समर्थन में 30 से अधिक विधायक भी आ गए हैं, जिनके संग रात से अहले सुबह तक मीटिंग होती रही। दूसरी तरफ रात से अबतक सपा कार्यकर्ताओं का एक धड़ा शिवपाल के समर्थन में उनके आवास के बाहर डटा है।
सपा में आज सुबह से घटनाक्रम और तेजी से बदलने की उम्मीद है। सैफई , लखनऊ और दिल्ली में कल दिनभर पारिवारिक ड्रामा चला। सैफई में कार्यकर्ताओं से मिलने के बाद शिवपाल दिल्ली में नेता जी यानि सपा सुप्रीमो से मिले। उनके साथ तकरीबन चार घंटे मीटिंग के बाद वह लखनऊ पहुंचे। शाम तक मुलायम भी लखनऊ पहुँच गए। फिर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव चाचा शिवपाल से मिले। इस बीच मुलायम के चचेरे भाई और सपा राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव का टीवी पर बयान आया कि पार्टी में फूट डालने की साजिश के पीछे पार्टी के राज्यसभा सदस्य अमर सिंह हैं। जवाब में शिवपाल की ओर से भी अमर के बचाओ में बयान आया।
इस पूरे घटनाक्रम से संकेत मिलते हैं कि भ्र्ष्टाचार के आरोप में फंसे दो मंत्रियों, चीफ सेक्रेटरी पद से सिंघल , अखिलेश को पार्टी के स्टेट सदर और शिवपाल को सात मंत्रालय से हटाने से उठा बवंडर पार्टी में फूट डालने को काफी है। इस विवाद पर पानी डालने के लिए सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने गुरुवार को संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई थी, पर बाद में इसे कैंसिल कर दिया गया। अब 17 सितंबर को उन्होंने अपने आवास पर पारिवारिक भोज रखा है। मगर इससे पहले ही शिवपाल ने अपना, अपनी पत्नी और बेटे का सभी पदों , जिम्मेदारियों से इस्तीफा देकर बड़ा दाव खेल दिया। शिवपाल ने कैबिनेट मंत्री और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है। जबकि उनकी पत्नी सरला यादव ने इटावा के डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव बैंक की चेयरपर्सन और बेटा आदित्य यादव ने को-ऑपरेटिव फेडरेशन के चेयरमैन के पद से त्यागपत्र दिया है।
हालाँकि, अखिलेश यादव ने शिवपाल का इस्तीफा नामंजूर कर दिया, पर वे इसपर अड़े हुए हैं। इस्तीफे की खबर मिलते ही आधी रात को शिवपाल के लखनऊ आवास के बाहर बड़ी संख्या में समर्थक जुट गए। इसके साथ ही तकरीबन 30 विधायकों ने भी उनके आवास पर उनसे मुलाकात की और सुबह तक उनके बीच मंत्रणा होती रही। आज शिवपाल के पक्ष में करीब 100 और विधायकों के आने की उम्मीद है। 57 में से 30 मंत्री भी उनके ही हिमायती बताए जाते हैं। आज वे भी खुलकर इनके पक्ष में आ सकते हैं।
तमाम घटनाक्रम के कारण सपा में फूट पड़ने की स्थिति इस लिए भी आ सकती है कि शिवपाल की सपा पर सर्वाधिक पकड़ है। मुलायम तो मात्र पार्टी का चेहरा हैं। सीएम बनने से पहले अखिलेश ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई में मशगूल रहे, जबकि शिवपाल जमीनी नेता हैं। उनकी कार्यकर्ताओं पर सीधी पकड़ है। ऐसे में शिवपाल पार्टी से अलग हुए तो नेताओं और कार्यकर्ताओं का एक बड़ा खेमा उनके साथ चला जाएगा।

 
यूपी से मलिक असग़र हाशमी