शिवपाल के बाद सपा में प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए यादव परिवार में खोज शुरू

सियासत संवाददाता

लखनऊ

 

अब जब अखिलेश यादव की ताजपोशी समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन चुके हैं और समर्थक सातवे आसमान पर हैं इसी बीच यादव परिवार में फिर एक खोज शुरू हो गयी हैं.

 

इत्मिनान रखे सपा को मुसलमानों की पार्टी भले कहा जाता हैं लेकिन किसी मुसलमान को प्रदेश अध्यक्ष बनना बहुत मुश्किल दिखता हैं. अब जब शिवपाल यादव प्रदेश अध्यक्ष के पद पर नहीं हैं, किसी दुसरे को इस पद पर बनाया जायेगा लेकिन इसकी खोज यादव परिवार के अन्दर ही होगी.

 

सपा के १९९२ में गठन से अब तक सिर्फ राम शरण दास ही प्रदेश अध्यक्ष बने जो यादव परिवार से बाहर के थे. उनका जब स्वास्थ ख़राब हुआ तो शिवपाल कार्यकारी अध्यक्ष बना दिए गए. २००७ में अखिलेश को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया.

 

और अब बात चल रही है की सांसद धर्मेन्द्र यादव को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया जाये. वो अखिलेश के करीबी है और उनके हिसाब से चलते हैं. वैसे कई और युवा चेहरे यादव परिवार में भी तैयार हो गए हैं.

 

नारेबाज़ी, जश्न और अखिलेश की ताजपोशी के बीच किसी मुस्लिम नेता ने ये ध्यान भी नहीं दिया कि उनको क्या मिला. मुस्लिम चेहरे के रूप में आज़म खान हैं और वो दोनों तरफ मतलब अधिवेशन और मुलायम के आवास से दूरी बनाये रहे. लेकिन उनको प्रदेश अध्यक्ष बनाना मुश्किल लगता हैं.

 

ऐसे में पिता की जगह बेटा राष्ट्रीय अध्यक्ष और चाचा की जगह दूसरा भतीजा प्रदेश अध्यक्ष बन जाये, इसमें कोई हैरानी की बात नहीं हैं. हालात तख़्त बदलने के इसीलिए हुए क्योंकि राजनितिक मजबूरियां ऎसी बन गयी थी की ये सब होना था. लेकिन सपा के डी एन ए में कोई बदलाव नहीं होता दिख रहा हैं. पार्टी अभी भी परिवार में रहेंगी.

 

एक फायदा ज़रूर हुआ हैं, इस उठा-पटक में सपा की नाकामियां पीछे चली गयी. उसके किसी भी असफलता पर कोई चर्चा नहीं नहीं हो रही. बात सिर्फ ताजपोशी की और यादव परिवार की दूसरी पीढ़ी की जिसने अब राजनीति में पूरी तरह से पदार्पण कर लिया हैं.