शिवराज ने कहा- सिर्फ़ पटाखों से प्रदूषण नहीं होता; तेज प्रताप यादव ने दिया सुझाव

दिवाली पर पटाखे छुड़ाएं जाएँ या नहीं इस बात को लेकर जहां सुप्रीम कोर्ट ने तो साफ़ ही कर दिया है कि ये पर्यावरण के लिए ठीक नहीं है और दिल्ली में इस पर पाबंदी भी लगा दी गयी है लेकिन देशभर से इसको लेकर मिलीजुली प्रतिक्रिया मिल रही है.

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस बारे में कहते हैं कि पर्यावरण महत्वपूर्ण है लेकिन परम्पराएं भी महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने कहा कि वो दिवाली को परंपरागत तरह से ही मनाएंगे. उन्होंने कहा कि सिर्फ़ पटाखों से ही प्रदूषण नहीं होता.

चौहान ने कहा कि वो दिए जलाएंगे और साथ ही कुछ पटाखें भी छुडायेंगे.

दूसरी ओर इस मामले में राजद नेता तेज प्रताप यादव ने कहा कि पटाखों से प्रदूषण होता है. उन्होंने इसको लेकर एक रास्ता सुझाया है. उन्होंने कहा कि अच्छा तो ये है कि गुब्बारे फोड़े जाएँ और इससे किसी को कोई नुक़सान भी नहीं.

हालाँकि जहां कुछ नेता इस पर कोई धार्मिक भेदभाव की बात नहीं कर रहे, त्रिपुरा के राज्यपाल इसको लेकर बार बार धार्मिक भेदभाव की बात कर रहे हैं. त्रिपुरा के राज्यपाल तथागत रॉय का कहना है कि हर साल दिवाली पर पटाखों से होने वाले प्रदूषण की बात होती है लेकिन मुस्लिम अज़ान को जब लाउडस्पीकर से दिया जाता है तो उसको लेकर कोई बात नहीं होती.

उनका कहना है कि क़ुरान और हदीस में लाउडस्पीकर्स से अज़ान का कोई ज़िक्र नहीं है. उनका कहना है कि मुअज्ज़िन को मीनार से अज़ान देनी चाहिए इसीलिए मीनारें बनायी जाती हैं. रॉय के इस बयान पर सोशल मीडिया पर लोगों ने कड़ी आपत्ति जताई है.